इंदौर। इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय में इंदौर के महाराज यशवंतराव के उत्तराधिकारी को लेकर एक परिवारवाद लगाया गया था, जिसे सत्र जिला न्यायालय ने सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया. याचिका में यशवंतराव की संपत्तियों को लेकर दावा किया गया था.
यशवंतराव की उत्तराधिकारी उषा देवी : इंदौर के महाराज यशवंतराव होलकर की निजी संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय में एक याचिका यशवंतराव की उत्तराधिकारी के साथ ही उनकी संपत्तियों को लेकर लगाया गया था, जिसे इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनकर खारिज कर दिया. यशवंतराव के दादा शिवाजीराव की दूसरी पत्नी की संतानों अशुमन्तराव और गौतमराव ने पिछले 70 सालों से यशवंत राव के उत्तराधिकारी महारानी उषा देवी के खिलाफ दावा किया था. कोर्ट ने इस दौरान यह टिप्पणी भी की है कि आजादी के बाद यशवंतराव के अगले उत्तराधिकारी के रूप में महारानी उषा देवी का नाम तय हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस पर सहमति दी थी 70 साल बाद निजी उपयोग की संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर यह दावा लगाया गया है, जो अब चलने योग्य नहीं है.
करोड़ों की है सम्पति : बता दें कि आजादी के बाद होलकर स्टेट की संपत्तियों का बंटवारा हुआ था. कुछ संपत्ति शासन के अधीन चली गई तो कुछ राज परिवार को निजी प्रयोग के लिए मिली थीं. इनमें इंदौर में सुख निवास, रमना पैलेस, यशवंतराव पैलेस, मानिक बाग पैलेस, बेरछा बीड की जमीनें हैं. करोड़ों की ज्वेलरी, यशवंतराव का प्लेन और मिनी ट्रेन भी शामिल हैं, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए आंकी जा रही है. इन्हीं करोड़ों रुपए की संपत्ति को लेकर पिछले दिनों पारिवारिक विवाद सामने आया था.
करीना-सैफ अली खान के बेटे तैमूर बने 5000 करोड़ की सम्पत्ति के वारिस? जानिए कैसे हुआ ये चमत्कार
संपत्तियों को लेकर सवाल : पूरे मामले को लेकर एक पक्ष ने इंदौर की जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रतिवेदन लगाकर उत्तराधिकारी के साथ ही संपत्तियों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए थे. फिलहाल इंदौर की जिला सत्र न्यायालय ने काफी दिनों तक इस पूरे मामले में सुनवाई की और सुनवाई के बाद इस पूरे मामले में याचिका को खारिज कर दिया. (Maharaj Yashwantrao's property in Indore) (Petition claim on Yashwantrao's property)