इंदौर। 1 सितंबर से शहर में तीन परीक्षा केंद्रों पर जेईई की परीक्षा शुरू की गई है. यह परीक्षा 6 सितंबर तक आयोजित की जा रही है. इंदौर शहर में विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा में 8 हजार छात्र शामिल हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रशासन द्वारा व्यवस्था किए जाने की बात की जा रही है. लेकिन छात्रों के भविष्य को लेकर अभिभावकों को प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भरोसा नजर नहीं रहा है.
एक ओर जहां प्रशासन द्वारा छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. अभिभावक प्रशासनिक व्यवस्था नहीं मिलने व व्यवस्थाओं में हो रही देरी को लेकर स्वयं निजी वाहनों से बच्चों को लेकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंच रहे हैं. इंदौर के आईपीएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर से पहुंचे हिम्मत सिंह का कहना है कि प्रशासनिक सुविधा के लिए पंजीयन तो कराया गया था लेकिन सुविधा नहीं मिली है. जिसके चलते वह निजी वाहन से अपने बच्चे को लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचे हैं ताकि वह समय पर परीक्षा में सम्मिलित हो सके.
वहीं परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा केंद्र से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह निवासी सिकंदर मंसूरी का कहना है कि वह अपने बेटे को मोटरसाइकिल से परीक्षा केंद्र तक लेकर पहुंचे हैं. प्रशासन ने जो व्यवस्था किए हुए कई बार समय पर नहीं मिल पाती है. ऐसे में परीक्षा से बच्चा वंचित ना हो इसके लिए मोटरसाइकिल पर सफर करते हुए परीक्षा केंद्र तक पहुंचे हैं. परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए वह घर से अल सुबह निकले ताकि परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंच सकें. वहीं कई अभिभावक कोरोना संक्रमण के डर को देखते हुए शासकीय व्यवस्थाओं पर विश्वास नहीं कर रहे हैं और अपने निजी वाहनों से बच्चों को लेकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंच रहे हैं ताकि किसी भी तरह की संक्रमण की स्थिति ना बने.