इंदौर। भारत के व्यावसायिक और आर्थिक भागीदार बनने के लिए दो देशों ने रुचि दिखाई है. भारत से व्यावसायिक और आर्थिक रिश्ते बढ़ाने के लिए गुयाना और सूरीनाम जैसे राष्ट्र लगभग सहमत हो गए हैं. प्रवासी भारतीय सम्मेलन में मेहमाननवाजी और खातिरदारी से उत्साहित गुयाना और सूरीनाम जैसे देश खुश हैं. इन दोनों देशों को भारत में व्यापार बढ़ाने के बड़े अवसर दिख रहे हैं.
खुलेंगे व्यापारिक रास्ते : बता दें कि गुयाना में तेल और गैस के भंडार हैं, जिनकी भविष्य में आपूर्ति भारत के लिए होने की संभावना है. वहीं सूरीनाम राष्ट्र भारत की आर्थिक मदद के जरिए विकास की राह तलाश रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ इन दोनों देशों के राष्ट्रपति और विदेश मंत्रियों की चर्चा के बाद अब विभिन्न सेक्टरों में भारत के साथ गुयाना और सूरीनाम नए व्यवसाय और आर्थिक संबंधों की शुरूआत करने जा रहे हैं. इंदौर में 3 दिन के प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन के बाद एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री के सचिव सौरभ कुमार ने बताया कि गुयाना की 40 फ़ीसदी आबादी भारतीय मूल की है.
गुयाना में हाल में मिले हैं तेल के भंडार : सौरभ कुमार ने बताया कि इसके अलावा गुयाना में हाल ही में तेल और गैस के प्रचुर भंडार खोजे गए हैं. जिनका प्रतिदिन उत्पादन 3.4 लाख बैरल है. दशक के अंत तक इसके 1.6 पाउंड बिलियन बैरल तक होने की संभावना है, क्योंकि गुयाना भविष्य में हाइड्रोकार्बन का केंद्र बनने जा रहा है. इसलिए पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के साथ भारत के साथ वह विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी चाहता है. यही वजह है कि प्रवासी भारतीय दिवस पर गुयाना को इस बार आमंत्रित किया गया था. वहीं सूरीनाम राष्ट्र फिलहाल आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. लिहाजा रणनीतिक दृष्टि से भारत सूरीनाम की मदद करेगा.
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रोजगार भी बढ़ेगा : सूरीनाम में भी तेल और गैस के सेक्टर हैं, जहां हमारे लिए रोजगार की दृष्टि से वे गेटवे साबित हो सकते हैं. सूरीनाम में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में भारत से लोग जा सकेंगे और वहां भी डिजिटल सेक्टर के अलावा कृषि, फूड प्रोसेसिंग, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत सूरीनाम के साथ व्यावसायिक भागीदारी की करेगा. सौरभ कुमार ने बताया भारत को प्राकृतिक संसाधनों के अलावा दोनों रास्तों से निवेश और रोजगार की व्यापक संभावनाओं की उम्मीद है, जिसे लेकर दोनों राष्ट्र भारत के साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए संकल्प कर रहे हैं.