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इंदौर एक्सिडेंड मामले में आया नया मोड़, परिजनों ने ससुराल पक्ष पर लगाया हत्या का आरोप - Chhath Puja

परिजनों का कहना है कि 27 अक्टूबर को जयप्रकाश झा ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र में ससुराल वालों पर हत्या की साजिश करने की आशंका जताई थी.

इंदौर एक्सिडेंड मामला
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Published : Nov 1, 2019, 11:36 PM IST

इंदौर/वैशालीः छठ पर्व करने इंदौर से वैशाली आ रहे 4 लोगों की सड़क हादसे में कुछ दिन पहले मौत हो गई थी. इस मामले में एक नया मोड़ आया है. मृतक जयप्रकाश झा के परिजनों ने इसे सड़क हादसा नहीं बल्कि हत्या बताया है.

इंदौर एक्सिडेंड मामले में परिजनों का आरोप

परिजनों का कहना है कि एक साजिश के तहत सभी की हत्या की गई है. परिजनों ने बताया कि 27 अक्टूबर को जयप्रकाश झा ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र में ससुराल वालों पर हत्या की साजिश करने की अशंका जताई थी. यह पत्र किसी वजह से वो अधिकारियों को नहीं भेज सका था. लेकिन यह पत्र घर भेजा था.

लेफ्टिनेंट नहीं सफाईकर्मी था जय प्रकाश झा

जयप्रकाश की मौत के बाद उसकी कार से मिले दस्तावेजों के पुलिस ने पहले तो उसे सेना का लेफ्टिनेंट मान लिया था, लेकिन जब उसकी जांच की गई तो जयप्रकाश की कार में मिले सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए, जयप्रकाश सेना में लेफ्टिनेंट नहीं बल्की एक सफाईकर्मी था. इस खुलाले के बाद सेना के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया. आनन- फानन में जयप्रकाश के घर को सील कर दिया गया है.

सड़क हादसा में हुई थी 6 की मौत

बता दें कि कुछ दिन पहले इंदौर में एक भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसमें वैशाली जंदाहा थाना क्षेत्र के लोमा गांव के रहने वाले जयप्रकाश झा के परिवार के 4 सदस्यों की भी मौत हो गई थी. .

इंदौर/वैशालीः छठ पर्व करने इंदौर से वैशाली आ रहे 4 लोगों की सड़क हादसे में कुछ दिन पहले मौत हो गई थी. इस मामले में एक नया मोड़ आया है. मृतक जयप्रकाश झा के परिजनों ने इसे सड़क हादसा नहीं बल्कि हत्या बताया है.

इंदौर एक्सिडेंड मामले में परिजनों का आरोप

परिजनों का कहना है कि एक साजिश के तहत सभी की हत्या की गई है. परिजनों ने बताया कि 27 अक्टूबर को जयप्रकाश झा ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र में ससुराल वालों पर हत्या की साजिश करने की अशंका जताई थी. यह पत्र किसी वजह से वो अधिकारियों को नहीं भेज सका था. लेकिन यह पत्र घर भेजा था.

लेफ्टिनेंट नहीं सफाईकर्मी था जय प्रकाश झा

जयप्रकाश की मौत के बाद उसकी कार से मिले दस्तावेजों के पुलिस ने पहले तो उसे सेना का लेफ्टिनेंट मान लिया था, लेकिन जब उसकी जांच की गई तो जयप्रकाश की कार में मिले सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए, जयप्रकाश सेना में लेफ्टिनेंट नहीं बल्की एक सफाईकर्मी था. इस खुलाले के बाद सेना के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया. आनन- फानन में जयप्रकाश के घर को सील कर दिया गया है.

सड़क हादसा में हुई थी 6 की मौत

बता दें कि कुछ दिन पहले इंदौर में एक भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसमें वैशाली जंदाहा थाना क्षेत्र के लोमा गांव के रहने वाले जयप्रकाश झा के परिवार के 4 सदस्यों की भी मौत हो गई थी. .

Intro:वैशाली के जंदाहा थाना क्षेत्र के लोमा गांव के रहने वाले जयप्रकाश झा के परिवार के 4 सदस्यों समेत छह लोगों की एक साथ इंदौर में हुई मौत  मामले को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। जयप्रकाश झा के परिजनों ने सड़क दुर्घटना में सभी की हुई मौत को पूरी तरह से नकार दिया है वही आरोप लगाया है कि जयप्रकाश झा  के पूरे  परिवार की सड़क दुर्घटना में मौत नही हुई है बल्कि  एक साजिश के तहत जयप्रकाश झा के पूरे परिवार की हत्या की गई है और हत्या का आरोप जयप्रकाश झा के ससुराल वालों पर लगा है परिजनों के इस आरोप के बाद मामले ने एक  नया मोड़ ले लिया है  यही नहीं  परिजनों ने इंदौर पुलिस और आर्मी वॉर कॉलेज प्रशासन को चुनौती दी है और दावा किया है कि जयप्रकाश झा आर्मी वार कॉलेज में सफाई कर्मी नही बल्कि लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत थे जिसकी सही से जांच होने पर दूध का दूध और पानी का  पानी साफ हो जाएगा


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जंदाहा थाना इलाके का लोमा गांव अचानक सुर्खियों में आ गया है। इसकी वजह इस गांव के रहने वाला जयप्रकाश झा का पूरे परिवार के 4 सदस्यों के साथ 6 लोगो का इंदौर में एक साथ मौत हो जाना है जयप्रकाश झा के पूरे परिवार के साथ इंदौर में हुई मौत की खबर ने गांव में भी खलबली मचा दी है जयप्रकाश झा के साथ उनके पिता नूनू झा माता सुमित्रा देवी और 4 महीने का पुत्र के एक साथ मौत होने की खबर गांव पहुंचते ही लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई लेकिन इस बीच जयप्रकाश झा के परिजनों का इंदौर पुलिस के बयान के ठीक उलट दिया जा रहा बयान के बाद मामले में एक नया मोर ले लिया  है जयप्रकाश झा के परिजन मानने को तैयार नहीं है कि  जयप्रकाश झा के साथ 6 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है बल्कि परिजनों ने  एक साजिश के तहत सभी की हत्या किये जाने का आरोप लगाया है हत्या का आरोप जयप्रकाश झा के ससुराल वालों पर लगाया जा रहा है जिसका आधार जयप्रकाश झा  द्वार मौत से पहले  बीते 27  अक्टूबर को  लिखा गया एक पत्र है  जिसमें जयप्रकाश  झा  ने  आर्मी वार कॉलेज को लिखा था जिसमें अपनी पत्नी पर बदचलन होने का आरोप लगाते हुए ससुराल वालों पर हत्या करवाने का शक जाहिर करते हुए शिकायत की थी लेकिन परिजनों का कहना है कि किसी वजह से जयप्रकाश झा यह पत्र अपने अधिकारी को नहीं दे सका लेकिन अपने परिजनों को भेजा था परिजनों का कहना है कि उस पत्र का जिक्र जयप्रकाश ने फोन करके भी परिजनो को दिया था पत्र के बाद इंदौर से बिहार आने के क्रम में उसकी मौत हो गई परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों का ही यह करतूत है और ससुराल वाले के दबाव में ही जयप्रकाश को आर्मी वार कॉलेज द्वारा सफाई कर्मी बताया जा रहा है जबकि वह 22 सितंबर 2015 को आर्मी वार कॉलेज में एलडीसी के पद पर ज्वाइन किया था और विभागीय परीक्षा देकर अगस्त 2018 में लेफ्टिनेंट बना था परिजनों ने जयप्रकाश झा का उस वक्त का एक जॉइनिंग लेटर भी दिखाया साथ में कई आईडी कार्ड भी दिखाए गए ऐसे में परिजनों ने पूरे मामले की जांच की मांग की है परिजनों का दावा है कि अगर सही से जाँच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा

बाईट सत्य मंगल कुमारी

बाईट गुंजन झा


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साफ है की परिजनों ने इंदौर पुलिस और आर्मी वार कॉलेज मध्य प्रदेश को खुली चुनौती दी है वहीं दूसरी ओर यह पूरा मामला घरेलू कलह की ओर जाता दिख रहा है परिजनों का यहां तक कहना है कि जय प्रकाश झा की पत्नी सुरुचि कुमारी और उसकी साली रुचि कुमारी द्वारा जयप्रकाश झा को मेंटली टॉर्चर किया जा रहा था जिसके चलते जयप्रकाश झा लंबे समय से परेशान था दोनों की शादी साल 2018 में ही हुई थी लेकिन शादी के बाद से ही दोनों के बीच में अनबन होने लगा परिजनों का यह भी कहना है कि सुरुचि के पिता पवन झा और उसके परिवार वाले भी मामले को लेकर जयप्रकाश झा को बार-बार जान से मारने की धमकी देते रहे थे परिजनों ने इस बात को लेकर भी आश्चर्य जताया कि जब सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 2 कारों की भीषण टक्कर हुई  इस दौरान 6 लोगो की मौत हुई लेकिन उसी कार में सवार जयप्रकाश झा की पत्नी सुरुचि कुमारी और उसकी साली रुचि कुमारी को आखिर क्यों खरोच तक नहीं आई जबकि दोनों कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए वही इस पूरे घटनाक्रम से गांव वाले भी आश्चर्यचकित हैं गांव वालों को भी यह पता नहीं था कि जयप्रकाश झा लेफ्टिनेंट हो गया है गांव वालों का कहना है कि जयप्रकाश झा मिलिट्री में कार्यरत  था  लेकिन वह कब लेफ्टिनेंट बन गया इसकी जानकारी गांव वालों को नहीं थी

बाईट रंजीत ठाकुर जयप्रकाश का बहनोई

बाईट श्यामसुंदर झा ग्रामीण




Conclusion:बहरहाल अब पूरा मामला सघन जांच पर चला गया है क्योंकि एक तरफ जहां जयप्रकाश झा के आर्मी वार कॉलेज में पद को लेकर बखेड़ा खड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ जयप्रकाश झा के परिजनों द्वारा  घरेलू कलह को लेकर उपजे विवाद को सामने लाकर दूसरा विवाद खड़ा कर दिया है ऐसे में अब पुलिस को दोहरे जांच करने होंगे और दोनो मामले के सघन जांच से ही पूरा मामला दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो सकता है लेकिन एक बात तय है कि दाल में कुछ काला है जिसे निकालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है और मामला उजागर होने के बाद आर्मी वार कॉलेज से लेकर जयप्रकाश झा के परिजनों और ससुराल कि असली भूमिका लोगों के सामने आ सकेगे
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