इंदौर। रविवार को टोटल लॉकडाउन और प्रशासन की अनुमति के बिना खजराना क्षेत्र में ताजिया निकालने के मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा थाना प्रभारी को लाइन अटैच किया गया है और सीएसपी एसडीएम समेत क्षेत्र के तमाम अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
इस मामले में इंदौर की पूर्व महापौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर इंदौर जिला प्रशासन के स्तर पर क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
बता दें कि खजराना क्षेत्र में रविवार को बड़ी संख्या में लोग प्रशासन की बिना अनुमति के ताजिए लेकर निकलने. इस दौरान ना तो किसी ने मास्क पहना था और ना ही शारीरिक दूरी का ध्यान रखा गया था. ताजिया निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी हरिनारायण चारी ने खजराना थाना प्रभारी संतोष यादव को लाइन अटैच कर दिया है. इसके अलावा पूर्व पार्षद और ताजिए निकालने वाले उस्मान पटेल सहित 13 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. आज फिर इस मामले के गरमाने पर कलेक्टर मनीष सिंह ने ताजिये निकालने वाले आयोजकों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने का प्रस्ताव पुलिस को भेजने का फैसला किया है.
सहमति बनने के बाद भी निकाले गए ताजिए
जिला प्रशासन के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जुलूस, रैली, झांकी और ताजिए निकालने पर प्रतिबंध लगा था. इसे लेकर खजराना थाना परिसर में पुलिस अफसरों और क्षेत्र के आयोजकों के बीच बैठक भी हो चुकी थी. बैठक के बाद सभी ने प्रतिबंध के फल स्वरूप ताजिये नहीं निकालने की सहमति दी थी, लेकिन दोपहर में खजराना मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद अचानक भीड़ ने ताजिये उठा लिए और खजराना गांव की तरफ जुलूस की शक्ल में सभी लोग जाने लगे. इस दौरान पुलिस जवानों ने भीड़ को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन किसी ने भी पुलिस की नहीं सुनी.