ETV Bharat / state

कोर्ट ने मृतक को जारी किया समन, महिला ने दिवंगत ससुर के खिलाफ दायर किया था घरेलू हिंसा का मामला

इंदौर में एक महिला द्वारा दायर घरेलू हिंसा के मामले में इंदौर जिला अदालत ने मृतक के खिलाफ समन जारी किया है. महिला ने शादी के 11 साल पहले मृत ससुर के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दायर किया था.

author img

By

Published : May 11, 2023, 4:05 PM IST

indore Court
दिवंगत ससुर के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला

इंदौर। घरेलू हिंसा के आरोप को लेकर इंदौर की जिला अदालत में दायर मामले में 28 वर्षीय महिला द्वारा उसके दिवंगत ससुर को प्रतिवादियों में शामिल किए जाने का अजीबो-गरीब प्रसंग सामने आया है. करीब 21 साल पहले मृत व्यक्ति के नाम समन जारी होने के बाद महिला के पति ने अदालत से गुजारिश की है कि उसकी पत्नी के दायर मामले को खारिज किया जाए और कथित तौर पर झूठे आरोपों से उसके परिवार को हुई मानसिक पीड़ा के एवज में उसे उचित हर्जाना दिलाया जाए.

शादी के 11 साल पहले ससुर की मौत: पह बचाव पक्ष की वकील प्रीती मेहना ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि महिला ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के सामने उसके पति और सास के साथ ही दिवंगत ससुर के खिलाफ "घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005" के तहत मामला पेश किया है. उन्होंने कहा, ‘‘महिला और उसके पति ने वर्ष 2013 में प्रेम विवाह किया था, जबकि महिला के ससुर की 2002 में ही मौत हो गई थी".

जेएमएफसी ने महिला के दायर मुकदमे पर सुनवाई करते हुए दो अन्य प्रतिवादियों के साथ ही उसके दिवंगत ससुर के नाम इस साल 13 फरवरी को समन जारी किया जिसमें उसकी "हाजिरी" के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की गई. बचाव पक्ष की वकील ने बताया कि उन्होंने अपने मुवक्किल की ओर से अदालत में 9 मई (मंगलवार) को आवेदन पेश किया जिसमें महिला के ससुर का मृत्यु प्रमाण पत्र भी नत्थी किया गया.

  1. MP Court: 10 साल या ज्यादा समय से लंबित मामले 25 चिन्हित प्रकरणों की सूची में शामिल
  2. Digvijay Singh defamation case: ज्योतिरादित्य सिंधिया और 2 समर्थक मंत्रियों के खिलाफ दायर परिवाद पर कोर्ट ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

पति ने भी दायर किया मामाला: उन्होंने बताया कि आवेदन में कहा गया है कि महिला ने अदालत को अंधेरे में रखकर न्यायिक प्रक्रिया का कथित तौर पर आपराधिक दुरुपयोग किया है, इसलिए घरेलू हिंसा के आरोप को लेकर उसका दायर मामला खारिज किया जाना चाहिए और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए. मेहना ने बताया कि आवेदन में अदालत से यह गुजारिश भी की गई है कि महिला के दायर "झूठे" मुकदमे से हुई कथित मानसिक पीड़ा के एवज में उनके पक्षकार को उचित हर्जाना दिलाया जाए. बचाव पक्ष के आवेदन पर महिला के जवाब के लिए अदालत ने 5 जुलाई की तारीख तय की है.

इंदौर। घरेलू हिंसा के आरोप को लेकर इंदौर की जिला अदालत में दायर मामले में 28 वर्षीय महिला द्वारा उसके दिवंगत ससुर को प्रतिवादियों में शामिल किए जाने का अजीबो-गरीब प्रसंग सामने आया है. करीब 21 साल पहले मृत व्यक्ति के नाम समन जारी होने के बाद महिला के पति ने अदालत से गुजारिश की है कि उसकी पत्नी के दायर मामले को खारिज किया जाए और कथित तौर पर झूठे आरोपों से उसके परिवार को हुई मानसिक पीड़ा के एवज में उसे उचित हर्जाना दिलाया जाए.

शादी के 11 साल पहले ससुर की मौत: पह बचाव पक्ष की वकील प्रीती मेहना ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि महिला ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के सामने उसके पति और सास के साथ ही दिवंगत ससुर के खिलाफ "घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005" के तहत मामला पेश किया है. उन्होंने कहा, ‘‘महिला और उसके पति ने वर्ष 2013 में प्रेम विवाह किया था, जबकि महिला के ससुर की 2002 में ही मौत हो गई थी".

जेएमएफसी ने महिला के दायर मुकदमे पर सुनवाई करते हुए दो अन्य प्रतिवादियों के साथ ही उसके दिवंगत ससुर के नाम इस साल 13 फरवरी को समन जारी किया जिसमें उसकी "हाजिरी" के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की गई. बचाव पक्ष की वकील ने बताया कि उन्होंने अपने मुवक्किल की ओर से अदालत में 9 मई (मंगलवार) को आवेदन पेश किया जिसमें महिला के ससुर का मृत्यु प्रमाण पत्र भी नत्थी किया गया.

  1. MP Court: 10 साल या ज्यादा समय से लंबित मामले 25 चिन्हित प्रकरणों की सूची में शामिल
  2. Digvijay Singh defamation case: ज्योतिरादित्य सिंधिया और 2 समर्थक मंत्रियों के खिलाफ दायर परिवाद पर कोर्ट ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

पति ने भी दायर किया मामाला: उन्होंने बताया कि आवेदन में कहा गया है कि महिला ने अदालत को अंधेरे में रखकर न्यायिक प्रक्रिया का कथित तौर पर आपराधिक दुरुपयोग किया है, इसलिए घरेलू हिंसा के आरोप को लेकर उसका दायर मामला खारिज किया जाना चाहिए और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए. मेहना ने बताया कि आवेदन में अदालत से यह गुजारिश भी की गई है कि महिला के दायर "झूठे" मुकदमे से हुई कथित मानसिक पीड़ा के एवज में उनके पक्षकार को उचित हर्जाना दिलाया जाए. बचाव पक्ष के आवेदन पर महिला के जवाब के लिए अदालत ने 5 जुलाई की तारीख तय की है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.