इंदौर। देश में प्रायोजित मनचलों से बचने के लिए अब स्कूली और कॉलेज छात्राओं के लिए आत्मरक्षा के गुर सीखना जरूरी समझा जा रहा है. यही वजह है कि लगातार सामने आने वाली ऐसी घटनाओं का मुकाबला करने के लिए अब कई संस्थाएं कॉलेज में छात्राओं को आत्मरक्षा और छेड़छाड़ से बचने के लिहाज से न केवल पंच जूडो-कराटे बल्कि लठ्ठ चलाने की भी ट्रेनिंग दे रही है.
मनचलों से निपटने दंड शिविर
दरअसल मनचलों का टारगेट इन दोनों स्कूली और कॉलेज छात्रों को लेकर ज्यादा देखा जा रहा है, न केवल इंदौर बल्कि मालवा-निमाड़ के स्कूल कॉलेज में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं. यही वजह है कि सफल सक्षम और समर्थ समाज की परिकल्पना के साथ छात्र-छात्राओं के लिए सक्रिय पुण्याति वेलफेयर फाउंडेशन अब कॉलेज में छात्राओं को बाकायदा लठ्ठ चलाने के लिए दंड शिविर का आयोजन कर रहा है. इस वर्ष फिर इंदौर के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को जूडो कराटे मार्शल आर्ट के साथ लठ्ठ चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
छेड़छाड़ व अन्य तरीकों से बचाव के उपाए
इस अंगूठी ट्रेनिंग में छेड़छाड़ से लेकर अन्य तरीकों से छात्रों को टारगेट करने वाले लोगों से निपटने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं. दंड शिविर के प्रशिक्षकों के मुताबिक पिछले साल इंदौर के कॉलेज में करीब ढाई हजार बेटियों को दंड शिविर के माध्यम से दंड चलाना सिखाया गया था. इसके अलावा शहर के करीब 25 कॉलेज में 12000 बेटियों आत्मरक्षा के लिए जुड़े कराटे भी सिखाए गए थे. जिसके परिणाम स्वरूप अब ऐसी घटनाओं से सामना होने के बाद बेटियों द्वारा अपना बचाव करने की जानकारी भी संस्था तक पहुंचाई जा रही है. जो दिशा में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
लव जिहाद के खिलाफ कानून भी प्रभावी
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ लाये गए धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020 को लागू किए जाने के बाद अब तक इस तरह के 25 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा सात मामले भोपाल में दर्ज हुए हैं. जबकि दूसरे नंबर पर इंदौर है. जहां पांच मामले सामने आए हैं. इस मामले को लेकर सरकार भी मान रही है कि लव जिहाद के बढ़ते मामले गंभीर चिंता का विषय है. जिसमें बड़े पैमाने पर पहला फैसला कर धर्म परिवर्तन कर विवाह कराया जा रहा है. यह कानून ऐसे लोगों पर नियंत्रण के लिए काम आएगा, लेकिन इसके बावजूद छात्राओं और बेटियों को ऐसी परिस्थितियां बनने पर जिहादियों के चंगुल में फंसने से पहले ही आत्मरक्षा के गुर सीखने भी जरूरत है.