इंदौर। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पीसीसी अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाकर अब इसकी बागडोर जीतू पटवारी को सौंप दी गई है. नवनियुक्त अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे समय की मांग बताया है. इंदौर में प्रेस से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा ने युवाओं को नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है उसी प्रकार कांग्रेस में भी बदलाव जरुरी है.
लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी है चुनौती: इंदौर में प्रेस से चर्चा के दौरान जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सामूहिक नेतृत्व क्या होता है और गुटबाजी का अंत कैसे किया जा सकता है यह मेरी नियुक्ति से स्पष्ट होता है. उन्होंने कहा पार्टी में अब उनकी जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव को लेकर है जो चुनौती के रूप में लेंगे. पार्टी में अब गुटबाजी को कोई जगह नहीं मिलेगी. सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मिलकर लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे जो पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
सनातनी शब्द से किया किनारा: एक सवाल के जवाब में जीतू पटवारी ने कहा कि देश की जो प्राचीन सभ्यता है, परंपरा है कांग्रेस पार्टी भी इसी सभ्यता और परंपरा के साथ है. उन्होंने सनातनी शब्द से किनारा करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रेमभाव और भाईचारे का समर्थन करती है. देश की परंपरा और विचारधारा ही कांग्रेस की परंपरा और विचारधारा है.
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आपको बता दें कि शनिवार को कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ से यह जिम्मेदारी लेकर जीतू पटवारी को सौंप दी है और उन्हें प्रदेश कांग्रेस का नवनियक्त अध्यक्ष बना दिया गया है. जबकि नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी धार के गंधवानी से विधायक उमंग सिंघार को सौंपी है तो उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे को बनाया गया है.