इंदौर। एमपी हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भाजपा विधायक और उद्योगपति के खिलाफ दर्ज CBI के FIR को निरस्त कर दिया है. पूरा ही मामला धोखाधड़ी से संबंधित था जिसको लेकर विधायक व उद्योगपति ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने सुनवाई कर FIR को निरस्त कर दिया. CBI ने 21 अक्टूबर 2021 को बैंक ऑफ बड़ौदा के 36 करोड़ के कर्ज के फ्रॉड के मामले में महिंद्रा एंड महिंद्रा फोर व्हीलर के डीलर पटवा ऑटोमोबाइल प्रायवेट लिमिटेड के डायरेक्टर व बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा, उनकी पत्नी मोनिका पटवा के खिलाफ धारा 420, 120 बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था. FIR बैंक के अफसरों की शिकायत पर हुई थी.
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विधायक को मिली राहत: बैंक के लोन में फ्रॉड करने के आरोप में 18 जनवरी 2018 को इन्हें एनपीए घोषित किया था. पटवा और उनकी पत्नी ने 26 अक्टूबर 2021 को FIR को निरस्त करने के लिए याचिका लगाई थी. जस्टिस विवेक रूसिया और अनिल वर्मा की बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी. सीनियर एडवोकेट अभिनव मल्होत्रा के जरिए दोबारा इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. जिस पर कोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई के बाद कोर्ट बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा और उनकी पत्नी मोनिका पटवा पर CBI के द्वारा दर्ज प्रकरण निरस्त करने का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने इस दौरान सीबीआई को यह भी निर्देश दिए हैं कि बिना जांच के यह प्रकरण दर्ज किया गया है और किसी भी मामले में बिना जांच के प्रकरण दर्ज नहीं किया जाना चाहिए.