इंदौर। दुनिया के कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत के साथ ही भारत में भी जल्द तीसरी लहर के खतरे की आशंका जताई जा रही है. इधर तीसरी लहर के पहले डॉक्टर इस बात को लेकर खासे परेशान हैं, कि वैक्सीन के दोनों डोज डेल्टा प्लस वायरस पर कितने प्रभावी रह सकेंगे. देशभर के चिकित्सक बूस्टर डोज की मांग कर रहे हैं, वहीं कई डॉक्टर वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण की आशंका जता रहे हैं. इस बीच राज्य सरकार ने भी इसी आशंका के मद्देनजर तीसरी लहर से निपटने के व्यापक इंतजाम किए हैं.
सरकार ने प्रदेश भर में चिन्हित किए 68 हजार बेड
सरकार ने फिलहाल तीसरी लहर के दौरान कोरोना के इलाज के लिए कुल 68 हजार 22 बिस्तर चिन्हांकित हैं, जिनमें 54 हजार 130 शासकीय और 13 हजार 892 निजी अस्पतालों में हैं. इनके अंतर्गत 4 हजार बिस्तर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में चिन्हांकित हैं. आयुष्मान योजना के अंतर्गत शासकीय और निजी चिकित्सालयों में कुल 31 हजार 11 बिस्तर चिन्हांकित हैं.
सरकार ने जिला स्तर पर बनाई योजना
सरकार ने प्रत्येक जिले के शासकीय और निजी अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाए जाने की में कार्य-योजना बनाई है. अधिक से अधिक संख्या में सामान्य बेड को ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड में परिवर्तित करने का कार्य भी किया जा रहा है. प्रदेश में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, आयुष चिकित्सक सहित विभागीय मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वॉलेन्टियर्स, आशा कार्यकर्ता और एएनएम को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
सरकार कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए कर रही प्रयास- स्वास्थ्य मंत्री
शिशुओं के उपचार के लिए प्रोटोकाल गाइडलाइन
प्रदेश में विशेषज्ञों डॉक्टरों की समिति ने अध्ययन के पश्चात शिशुओं के उपचार की विस्तृत प्रोटोकॉल गाइडलाइन जारी की है. अभिभावक बच्चों के साथ वार्ड में रह सकें, इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं. होम आइसोलेशन में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाएगा. कोरोना रोगियों को निर्बाध रूप से अस्पतालों तक ले जाने के लिए एंबुलेंस नेटवर्क का सुदृढ़ किया गया है. कुल 1002 एम्बुलेंस इस कार्य के लिए चिन्हांकित की गई हैं. इनमें 167 एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) और 835 बीएएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस हैं.
ऑक्सीजन प्लांटस और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की व्यवस्था
मध्य प्रदेश में भारत सरकार, राज्य सरकार और अन्य स्त्रोतों से कुल 170 पीएसए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 200 मीट्रिक टन है. इनमें से 21 पीएसए प्लांट लग गए हैं. शेष सितंबर माह तक स्थापित हो जाएंगे. इसके अतिरिक्त 78 जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 78 पीएसए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं. चिकित्सा महाविद्यालयों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता में 121 मीट्रिक टन की वृद्धि की जा रही है.
Covid Third Wave पर बोली सरकार, अगले 100 दिन अहम, सतर्कता बरतें
जिला अस्पतालों में 11 हजार 184 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बनाए गए हैं. साथ ही 3,063 नवीन ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बनाए जा रहे हैं. चिकित्सा महाविद्यालयों में भी 751 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जा रहे हैं. जिलों को अब तक उपलब्ध करवाए गए 6,190 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स में से बच्चों के पोषण पुनर्वास केंद्रों में 1,500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा भी जिलों को 5,100 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अतिरिक्त दिए जा रहे हैं.
आईसीयू बेड की संख्या में वृद्धि
तीसरी लहर की तैयारियों में सरकार ने 813 आईसीयू बेड स्थापित किए गए हैं. आगामी कार्ययोजना में 650 नए आईसीयू बेड स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में भी 345 आईसीयू बेड बढ़ाए जा रहे हैं. प्रत्येक जिले में शिशु आईसीयू की व्यवस्था भी की जा रही है. प्रदेश में 320 शिशु आईसीयू के बिस्तर नियोजित किए गए हैं, जिनमें 200 बिस्तरों की संख्या अतिरिक्त रूप से स्थापित की जा रही है. इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में 380 शिशु आईसीयू बिस्तरों की वृद्धि की जा रही है. प्रदेश में डॉक्टरों के रिक्त्पदों की पूर्ति के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की भर्ती का कार्य भी शुरू हो गया है.