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अघोषित विद्युत कटौती से भड़के मंत्री जीतू पटवारी, इंजीनियर निलंबित

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए अघोषित विद्युत कटौती मुसीबत बनी हुई है. जिसे लेकर लेकर प्रदेश सरकार सख्त रवैया अपना रही है. बैठक के दौरान बिजली कटने से नाराज मंत्री जीतू पटवारी ने एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.

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Published : Apr 20, 2019, 2:53 PM IST

अघोषित विद्युत कटौती से भड़के मंत्री जीतू पटवारी




इंदौर। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद लोकसभा चुनाव के पहले विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अघोषित विद्युत कटौती पर प्रदेश सरकार सख्त रवैया अपना रही है. यही कारण है कि कांग्रेस भवन में बैठक के दौरान लाइट चले जाने पर मंत्री जीतू पटवारी भड़क गए और उन्होंने एक इंजीनियर को ही निलंबित करा दिया. वहीं प्रदेशभर से मिल रही ऐसी ही शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव से बिजली कटौती को लेकर एक महीने की रिपोर्ट तलब की है.


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद अघोषित बिजली कटौती होना कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी हुई है. हालांकि कांग्रेस ने बिजली कटौती को संबंधित अधिकारियों की मनमानी और साजिश करार दिया है. इधर इंदौर में भी गांधी भवन में आयोजित पार्टी की बैठक में अचानक बिजली गुल हो गई और आधा घंटा तक बिजली नहीं आई. इस दौरान पार्टी की बैठक ले रहे मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगा कर बिजली गुल होने का कारण पूछा और इस पर अधिकारियों ने मेंटेनेंस का हवाला दे दिया. इसके बाद जब मामला गरमाया तो अधिकारियों ने एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया.

इस बीच आज पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय पहुंचे कांग्रेसियों ने विद्युत कटौती की साजिश के खिलाफ कंपनी के डीएम को ज्ञापन सौंपा. जिसमें जानबूझकर विभिन्न क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान की जा रही अघोषित बिजली कटौती का विरोध किया गया. साथ ही ऐसे दोषियों को चिन्हित कर अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

अघोषित विद्युत कटौती से भड़के मंत्री जीतू पटवारी

मुख्यमंत्री ने विद्युत कंपनियों से मांगी कटौती की रिपोर्ट


हाल ही में सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव ऊर्जा से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने विद्युत कंपनियों से पूछा है कि जब प्रदेश में सरप्लस बिजली उपलब्ध है, तो फिर किस कारण से कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा है कि इस बात का भी पता लगाया जाए कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतें आखिर क्यों आ रही हैं. इसके पीछे यदि कोई साजिश है, तो पूरे मामले की जांच की जाए. इधर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग के अधिकारी अब कटौती संबंधी रिपोर्ट पर अपना जवाब तैयार करने में जुटे हैं.




इंदौर। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद लोकसभा चुनाव के पहले विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अघोषित विद्युत कटौती पर प्रदेश सरकार सख्त रवैया अपना रही है. यही कारण है कि कांग्रेस भवन में बैठक के दौरान लाइट चले जाने पर मंत्री जीतू पटवारी भड़क गए और उन्होंने एक इंजीनियर को ही निलंबित करा दिया. वहीं प्रदेशभर से मिल रही ऐसी ही शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव से बिजली कटौती को लेकर एक महीने की रिपोर्ट तलब की है.


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद अघोषित बिजली कटौती होना कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी हुई है. हालांकि कांग्रेस ने बिजली कटौती को संबंधित अधिकारियों की मनमानी और साजिश करार दिया है. इधर इंदौर में भी गांधी भवन में आयोजित पार्टी की बैठक में अचानक बिजली गुल हो गई और आधा घंटा तक बिजली नहीं आई. इस दौरान पार्टी की बैठक ले रहे मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगा कर बिजली गुल होने का कारण पूछा और इस पर अधिकारियों ने मेंटेनेंस का हवाला दे दिया. इसके बाद जब मामला गरमाया तो अधिकारियों ने एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया.

इस बीच आज पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय पहुंचे कांग्रेसियों ने विद्युत कटौती की साजिश के खिलाफ कंपनी के डीएम को ज्ञापन सौंपा. जिसमें जानबूझकर विभिन्न क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान की जा रही अघोषित बिजली कटौती का विरोध किया गया. साथ ही ऐसे दोषियों को चिन्हित कर अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

अघोषित विद्युत कटौती से भड़के मंत्री जीतू पटवारी

मुख्यमंत्री ने विद्युत कंपनियों से मांगी कटौती की रिपोर्ट


हाल ही में सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव ऊर्जा से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने विद्युत कंपनियों से पूछा है कि जब प्रदेश में सरप्लस बिजली उपलब्ध है, तो फिर किस कारण से कटौती की जा रही है. उन्होंने कहा है कि इस बात का भी पता लगाया जाए कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतें आखिर क्यों आ रही हैं. इसके पीछे यदि कोई साजिश है, तो पूरे मामले की जांच की जाए. इधर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग के अधिकारी अब कटौती संबंधी रिपोर्ट पर अपना जवाब तैयार करने में जुटे हैं.

Intro:प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद लोकसभा चुनाव के पहले विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अघोषित विद्युत कटौती से कमलनाथ सरकार विद्युत वितरण कंपनी से खासी नाराज है, यही वजह है इंदौर में कांग्रेस की बैठक के दौरान कांग्रेस भवन की लाइट चली गई तो पार्टी की बैठक ले रहे मंत्री जीतू पटवारी ने एक इंजीनियर को ही निलंबित करा दिया प्रदेशभर से मिल रही ऐसी ही शिकायतों के चलते में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव से कटौती को लेकर एक महीने की रिपोर्ट तलब की है


Body:गौरतलब है लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद अघोषित बिजली कटौती होना कांग्रेश के लिए मुसीबत साबित हो सकता है हालांकि कांग्रेस बिजली कटौती को संबंधित अधिकारियों की मनमानी और साजिश करार दे रही है इधर इंदौर में भी गांधी भवन में आयोजित पार्टी की बैठक में अचानक बिजली गुल हो गई आधा घंटा तक बिजली नहीं आई तो पार्टी की बैठक ले रहे मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगा कर बिजली गुल होने का कारण पूछा इस पर अधिकारियों ने मेंटेनेंस और एक से जाने का हवाला दे दिया इसके बाद जब मामला गरमाया तो अधिकारियों ने एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया इस बीच आज पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय पहुंचे कांग्रेसियों ने विद्युत कटौती की साजिश के खिलाफ कंपनी के डीएम को ज्ञापन सौंपा जिसमें जानबूझकर विभिन्न क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान की जा रही अघोषित बिजली कटौती का विरोध किया गया साथी ऐसे दोषी अधिकारियों कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई हालांकि अब जबकि यह मामला गर्म आ रहा है तो विभाग के अधिकारी भी इसे लाइन के मेंटेनेंस और रखरखाव की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैंl

मुख्यमंत्री ने विद्युत कंपनियों से मांगी कटौती की रिपोर्ट
हाल ही में सीएम कमलनाथ में मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जामंत्री और प्रमुख सचिव ऊर्जा से कटौती की शिकायतों के आधार पर रिपोर्ट मांगी है उन्होंने विद्युत कंपनियों से पूछा है कि जब प्रदेश में सरप्लस बिजली उपलब्ध है तो फिर किस कारण से कटौती की जा रही है उन्होंने निर्देश दिए हैं किस बात का भी पता लगाया जाए कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतें आखिर क्यों आ रही हैं इसके पीछे यदि कोई साजिश या षड्यंत्र है तो पूरे मामले की जांच की जाए इधर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग के अधिकारी अब कटौती संबंधी रिपोर्ट पर अपना जवाब तैयार करने में जुटे हैं


Conclusion:बाइट देवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस नेता
बाइट मनोज पुष्प जीएम पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर
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