इंदौर। मैग्सेसे अवार्ड विजेता और ख्यात आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय इंदौर पहुंचे. जहां उन्हें कुंती देवी माथुर सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आगामी सेंट्रल विस्टा में बदलाव के नाम पर दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें जिनमें साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, इंडिया गेट, पार्लियामेंट हाउस का ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं.
उन्होंने आशंका जताई है कि दिल्ली के आर्किटेक्ट और अन्य सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि मोदी सरकार पुरानी इमारतों का मौलिक और ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि देश की ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं, देश के नागरिक और आरटीआई एक्टिविस्ट होने के नाते उन्हें मोदी सरकार से जानने का हक है कि देश में इतनी बेरोजगारी, गरीबी और अभाव तो फिर हमारी ऐतिहासिक धरोहरों का स्वरूप करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर बदलने का क्या औचित्य है. उन्होंने कहा ऐसे प्रोजेक्ट से आम जनता पर कितना बोझ आएगा. सबसे पहले सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए.
इस दौरान अरुणा रॉय ने NRC और CAA जैसे फैसलों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि ऐसे फैसले संविधान की मूल भावना के विपरीत हैं, जिन्हें देश भर के जागरूक लोगों ने खारिज कर दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का जितना दोहन हुआ है, उसके हिसाब से अब सरकार को उसे सहेजने का प्रयास करना चाहिए. इसके अलावा सालों से जो नर्मदा बचाओ आंदोलन मेधा पाटकर चला रही हैं, उसमें भी समस्याओं का निराकरण कर विस्थापितों की मदद करना चाहिए.