ETV Bharat / state

मैग्सेसे अवार्ड विजेता अरुणा रॉय का बड़ा बयान, कहा- मोदी सरकार के कारण देश की ऐतिहासिक धरोहर खतरे में

आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय इंदौर पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आगामी सेंट्रल विस्टा में बदलाव से इंडिया गेट, पार्लियामेंट हाउस जैसे ऐतिहासिक धरोहर खतरे में हैं.

Big statement of RTI activist Aruna Roy
आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय का बड़ा बयान
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:47 PM IST

इंदौर। मैग्सेसे अवार्ड विजेता और ख्यात आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय इंदौर पहुंचे. जहां उन्हें कुंती देवी माथुर सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आगामी सेंट्रल विस्टा में बदलाव के नाम पर दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें जिनमें साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, इंडिया गेट, पार्लियामेंट हाउस का ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय का बड़ा बयान

उन्होंने आशंका जताई है कि दिल्ली के आर्किटेक्ट और अन्य सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि मोदी सरकार पुरानी इमारतों का मौलिक और ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि देश की ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं, देश के नागरिक और आरटीआई एक्टिविस्ट होने के नाते उन्हें मोदी सरकार से जानने का हक है कि देश में इतनी बेरोजगारी, गरीबी और अभाव तो फिर हमारी ऐतिहासिक धरोहरों का स्वरूप करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर बदलने का क्या औचित्य है. उन्होंने कहा ऐसे प्रोजेक्ट से आम जनता पर कितना बोझ आएगा. सबसे पहले सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए.

इस दौरान अरुणा रॉय ने NRC और CAA जैसे फैसलों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि ऐसे फैसले संविधान की मूल भावना के विपरीत हैं, जिन्हें देश भर के जागरूक लोगों ने खारिज कर दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का जितना दोहन हुआ है, उसके हिसाब से अब सरकार को उसे सहेजने का प्रयास करना चाहिए. इसके अलावा सालों से जो नर्मदा बचाओ आंदोलन मेधा पाटकर चला रही हैं, उसमें भी समस्याओं का निराकरण कर विस्थापितों की मदद करना चाहिए.

इंदौर। मैग्सेसे अवार्ड विजेता और ख्यात आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय इंदौर पहुंचे. जहां उन्हें कुंती देवी माथुर सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आगामी सेंट्रल विस्टा में बदलाव के नाम पर दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें जिनमें साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, इंडिया गेट, पार्लियामेंट हाउस का ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट अरुणा रॉय का बड़ा बयान

उन्होंने आशंका जताई है कि दिल्ली के आर्किटेक्ट और अन्य सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि मोदी सरकार पुरानी इमारतों का मौलिक और ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि देश की ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं, देश के नागरिक और आरटीआई एक्टिविस्ट होने के नाते उन्हें मोदी सरकार से जानने का हक है कि देश में इतनी बेरोजगारी, गरीबी और अभाव तो फिर हमारी ऐतिहासिक धरोहरों का स्वरूप करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर बदलने का क्या औचित्य है. उन्होंने कहा ऐसे प्रोजेक्ट से आम जनता पर कितना बोझ आएगा. सबसे पहले सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए.

इस दौरान अरुणा रॉय ने NRC और CAA जैसे फैसलों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि ऐसे फैसले संविधान की मूल भावना के विपरीत हैं, जिन्हें देश भर के जागरूक लोगों ने खारिज कर दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का जितना दोहन हुआ है, उसके हिसाब से अब सरकार को उसे सहेजने का प्रयास करना चाहिए. इसके अलावा सालों से जो नर्मदा बचाओ आंदोलन मेधा पाटकर चला रही हैं, उसमें भी समस्याओं का निराकरण कर विस्थापितों की मदद करना चाहिए.

Intro:मैग्सेसे अवार्ड विजेता और ख्यात आरटीआई एक्टिविस्ट अरुण ने मोदी सरकार के आगामी सेंट्रल विस्ता में फेरबदल संबंधी संभावित फैसले के कारण इंडिया गेट और पार्लियामेंट हाउस जैसी ऐतिहासिक इमारतों को खतरे में बताया है शनिवार को इंदौर में कुंती देवी माथुर सम्मान से सम्मानित की गई अरुणा राव ने अपने वक्तव्य में कहा मोदी सरकार सेंट्रल विस्टा में बदलाव के नाम पर दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें जिनमें साउथ ब्लॉक नॉर्थ ब्लॉक इंडिया गेट पार्लियामेंट हाउस आदि का ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं उन्होंने आशंका जताई कि दिल्ली के आर्किटेक्ट और अन्य सूत्रों से ऐसी खबर मिली है कि मोदी सरकार पुरानी इमारतों का मौलिक और ऐतिहासिक स्वरूप बदलने की तैयारी कर रही हैं उन्होंने कहा देश की ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं और देश के नागरिक और आरटीआई एक्टिविस्ट होने के नाते उन्हें मोदी सरकार से जानने का हक है की देश में इतनी बेरोजगारी गरीबी और अभाव है तो फिर हमारी ऐतिहासिक धरोहरों का स्वरूप करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर बदलने का क्या औचित्य है उन्होंने कहा ऐसे प्रोजेक्ट से आम जनता पर कितना बोझ आएगा सबसे पहले सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए


Body:इस दौरान अरुणा राव ने एनआरसी और सी ए ए जैसे फैसलों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा ऐसे फैसले संविधान की मूल भावना के विपरीत हैं जिन्हें आरटीआई एक्टिविस्ट समय देश भर के जागरूक लोगों ने खारिज कर दिया है वहीं उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का जितना दोहन हुआ है उसके हिसाब से अब सरकार को उसे सहेजने के भी प्रयास करने चाहिए इसके अलावा वर्षों से जो आंदोलन नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर चला रही हैं उसमें भी समस्याओं का निराकरण कर विस्थापितों की मदद करना चाहिए


Conclusion:बाइट अरुणा राव ख्यात आरटीआई एक्टिविस्ट
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.