इंदौर। एक छोटे से वायरस ने पूरी दुनिया को घरों में कैद कर दिया है, लोगों के मन में दहशत का माहौल है. दुनिया भर में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के अलग-अलग देशों में जींस सामने आ रहे हैं. जिससे अलग-अलग लोगों को संक्रमित कर अपना रूप बदल रहा है. जिससे इसकी वैक्सीन तैयार करने में काफी परेशानी हो रही है, विशेषज्ञों ने इंदौर में हो रही मौतों के पीछे एल स्ट्रेन वायरस के घटक संक्रमण को बता रहे हैं, जबकि इंदौर मेडिकल कॉलेज इन तमाम दावों को खारिज किया है.
कोरोना वायरस अलग-अलग लोगों को संक्रमित कर अपना रूप बदल रहा है. यही वजह है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करना विकसित देशों के लिए भी मुश्किल हो रहा है, भारत में ऐसी ही कोशिशों के चलते अब देश से इकट्ठा किए गए कोरोना के अलग-अलग सैंपलों की संयुक्त जांच पुणे की वायरोलॉजी लैब में होने जा रही है. इस जांच के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मेडिसिन और वैक्सीन को लेकर आगामी रणनीति तय की जा सकेगी. इंदौर और गुजरात के विशेषज्ञों ने इंदौर में हो रही लगातार मौतों की वजह एल स्ट्रेन वायरस के घटक संक्रमण को बताया है, इंदौर मेडिकल कॉलेज ने फिलहाल इन तमाम दावों को खारिज किया है.
मेडिकल कॉलेज ने इंदौर में हो रही मौतों की वजह मरीजों के अस्पताल में देरी से पहुंचने और कोरोना के साथ उन्हें दूसरी गंभीर बीमारियां होना बताया है. कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल का कहना है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के अलग-अलग जीन्स हैं. जिनके स्ट्रेन भी अलग-अलग हैं. लिहाजा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में संयुक्त रूप से इसी बिंदु पर कोरोना की स्टडी की जा रही है. पुणे में हो रही जांच को लेकर इंदौर, भोपाल सहित दूसरे इलाकों के अलग-अलग तरह के सैंपल भेजे जा रहे हैं. ताकि कोरोना वायरस की आगामी रणनीति तैयार हो सके. उन्होंने स्पष्ट किया की कोरोनाफ्र लेकर दुनिया भर में अलग अलग तरह का ट्रेंड दिख रहा है. यही वजह है कि इटली, दुबई, यूरोप और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका जैसे देशों में कोरोना के अलग-अलग ट्रेंड पर लगातार स्टडी की जा रही है.