इंदौर। उत्तर प्रदेश में जारी एनकाउंटर एपिसोड पर अब खासी सरगर्मी है. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद देश की पहली आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी भी इस मामले में पल्ला झाड़ते नजर आईं. इंदौर में FICCI द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची किरण बेदी से जब मीडिया ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में सवाल किए तो उन्होंने कहा, "यह उत्तर प्रदेश पुलिस का इंटरनल मामला है. आप और हम इस मामले में आउटसाइडर हैं."
अतीक अहमद गोलीकांड: उत्तर प्रदेश में जारी गैंगवार के बाद शुरू हुए एनकाउंटर एपिसोड के चलते आखिरकार अतीक अहमद और अशरफ की 3 हमलावरों ने गोली मारकर पुलिस और पत्रकारों के सामने ही हत्या कर दी. दरअसल अतीक अहमद और अशरफ को मेडिकल के लिए कॉलविन हॉस्पिटल ले जाया गया था, इस दौरान अचानक दोनों पर हमला हो गया, जिसमें दोनों को गोलियां लगीं और वे वहीं ढेर हो गए. पुलिस ने हमलावरों को हिरासत में ले लिया है. इस घटना में एक पुलिसकर्मी के हाथ में भी गोली लगी है. इस घटना के बाद से जहां प्रयागराज में भगदड़ मच गई है तो वहीं पूरे देश में इस खबर की चर्चा तेज हो गई है.
किरण बेदी ने खुद को बताया आउटसाइडर: इस मामले से पुलिस के आला अफसर भी अब पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. देश की पहली आईपीएस किरण बेदी ने इस मामले में इंदौर में कहा कि, "उत्तर प्रदेश में जारी एनकाउंटर और मर्डर वहां का इंटरनल मामला है. इसके बारे में कोई कुछ बता सकता है तो यूपी पुलिस ही कुछ बता सकती है. आप और हम तो आउटसाइडर हैं, इसलिए एनकाउंटर की असलियत क्या है हम नहीं बता सकते." हाल ही में किरण बेदी ने बयान दिया था कि "गैंगस्टर पैदा नहीं होते, बल्कि बनाए जाते हैं. इन्हें खत्म करने के लिए राजनेताओं और पुलिस को मिलकर काम करना चाहिए जिससे कि गैंगस्टर पैदा ही न हो सके. जब तक पॉलिटिकल लीडरशिप में काबिलियत न हो तब तक पुलिस के काबिल अफसर भी कुछ नहीं कर पाते."
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किरण बेदी ने कभी नहीं मानी हार: आइपीएस अधिकारी किरण बेदी शनिवार दोपहर इंदौर पहुंची थी, जहां वे फिक्की फ्लो इंदौर चैप्टर की नवागत अध्यक्ष ममता बाकलीवाल व अन्य 25 सदस्यों के नए कार्यकाल के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुईं थी. इस दौरान उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि, "आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद उन्हें अपने सेवाकाल के दौरान कई तरह के संघर्ष से गुजरना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने बुलंद हौसलों के कारण किसी से हार नहीं मानी. वे चाहे तिहाड़ जेल हो या मिजोरम या अरुणाचल प्रदेश उन्होंने सभी जगह सफलता के साथ काम किया. बुलंद इरादे और हौसले ही सफलता की सबसे बड़ी पूंजी है."