इंदौर। इंदौर में बुजुर्गों को कचरे की गाड़ी में भरकर शहर के बाहर फेंकने के मामले के बाद फिर एक बुजुर्ग महिला सड़क किनारे लावारिस हाल में पाई गई है. जिसके पैर में कीड़े पड़ चुके थे. पुष्पा बाई नामक इस बुजुर्ग महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है. वहीं पीड़िता की हालत के लिए जिम्मेदार लोगों की पड़ताल करने के साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
'एमवाय अस्पताल के कारण हुई मेरी ये हालत'
दरअसल, सामाजिक संस्था गोल्ड कॉइन सेवा न्यास के लखन मानधन्या को सोशल मीडिया के जरिए पुष्पा बाई के बिजासन टेकरी रोड पर पड़े होने की सूचना मिली थी. इसके बाद जब न्यास की टीम मौके पर पहुंची तो वहां लाचार हाल में पुष्पा बाई एक लोहे के पलंग पर पड़ी नजर आई. इस महिला के पैर में गंभीर घाव भी था. जिसमें कीड़े रेंग रहे थे. महिला के पैर की दुर्गति देख कर जब लोगों ने उसे एमवाय अस्पताल ले चलने को कहा तो पुष्पा बाई ने एमवाय अस्पताल जाने के लिए मना कर दिया. इस दौरान पीड़िता ने बताया कि उसके पैर की यह हालत एम वाय अस्पताल में ही हुई है. जहां उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. इस दौरान महिला ने रोते हुए कहा मुझे एमवाय अस्पताल मत भेजो मेरे पैर की यह हालत एमवाय अस्पताल के कारण ही हुई है. इसलिए या तो मुझे जहर दे दो या श्मशान घाट में छोड़ दो लेकिन कसाईयों के पास मत भेजो इसके बाद पीड़िता को समझा-बुझाकर अरविंदो अस्पताल भेजा गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
इधर यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं यह पता लगाया जा रहा है कि एमवाय अस्पताल में महिला के साथ दुर्व्यवहार आखिर किसने किया है. कलेक्टर श्री सिंह ने बताया महिला को इलाज के बाद वृद्ध आश्रम में भेजा जाएगा. जहां उसके रहने की व्यवस्था की जा रही है.
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मां के जाने के बाद अकेली है पुष्पा
बुजुर्ग महिला पुष्पा बाई ने बताया कि वह और उसका परिवार इंदौर के वल्लभ नगर में रहता था. पुष्पा के माता-पिता दोनों नौकरी करते थे. जब पिता का ट्रांसफर बेंगलुरु हो गया तो वह मां के साथ सीहोर में शिफ्ट हो गई. अभी 2 माह पहले जब बीमारी के कारण मां की भी मौत हो गई. तो उसके रहने का कोई ठिकाना नहीं बचा. पिता ने वल्लभनगर में जो घर खरीदा था उस पर भी रिश्तेदारों ने कब्जा कर लिया. घर पर कब्जा होने के बाद में रिश्तेदारों से मदद मांगने बड़े गणपति पैदल गई थी, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली. वहां से वापस लौटते समय पैर में चोट लग गई जो धीरे-धीरे घाव के रूप में बदल गई. ऐसी स्थिति में किसी ने मदद नहीं की तो वह खुद ही अपना इलाज कराने एमवाय अस्पताल पहुंची थी. लेकिन वहां उसके साथ इलाज के नाम पर उपेक्षा पूर्ण कार्रवाई की गई और उसे अस्पताल से निकाल बाहर किया गया. तभी से वह बिजासन टेकरी के पास सड़क किनारे रह रही है.
अस्पताल में काउंसलिंग के दौरान उजागर हुई सच्चाई
महिला को जब इलाज के लिए अरविंदो अस्पताल भेजा गया वहां डॉक्टरों ने महिला से बात करने की कोशिश की. लाख मनुहार और काउंसलिंग के बाद पुष्पा बाई ने बताया कि वह डबल MA है. माता-पिता से बिछड़ जाने के बाद ही उसकी यह हालत हुई है. सुबह जब बिजासन रोड पर मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग निकले तो उन्होंने पुष्पा बाई का वीडियो बनाकर सार्वजनिक कर दिया. जिसके बाद यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने मदद के नाम पर जो कंबल और कपड़े दिए थे उसी के सहारे वह रह रही है.