इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की विजय नगर थाना पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी पिछले 5 साल में 1000 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बना चुके हैं. इसके निशानदेही पर दो और आरोपियों को पकड़ा है और उनसे भी लगातार पूछताछ की जा रही है. वही प्रारंभिक तौर पर जिन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनमें से एक इंस्टीट्यूट संचालक है तो वहीं एक दलाल की भूमिका में था. जो छात्रों को फर्जी तरीके से मार्कशीट दिलवाने का काम करता था, फिलहाल पूरे ही मामले में आने वाले दिनों में कुछ और आरोपियों को पकड़ने के बात पुलिस कह रही है.
निशानदेही पर दो और आरोपी गिरफ्तार: मुखबिर की सूचना के आधार पर फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 2 लोगों को पकड़ा था. उन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने एक इंस्टिट्यूट संचालक सहित फर्जी मार्कशीट से जुड़े दलालों को भी पकड़ा है. जिनसे अब पुलिस तमाम पहलुओं में पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में घर से संचालित कर रहे जाली मार्कशीट कांड मामले में पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर मुकेश तिवारी जोकि के एस मेमोरियल नामक इंस्टिट्यूट संचालित करता हैं. वही दूसरे व्यक्ति का नाम नीतीश शर्मा है जो कि रंजीत हनुमान मंदिर क्षेत्र में रहते हैं दोनों ही व्यक्ति इन्हीं युवकों से जाली मार्कशीट बनवा कर अन्य लोगों को सप्लाई किया करते थे. इन गिरोह से हजारों रुपए में लेकर लाखों रुपए में बेचा दिया करते थे.
अलग-अलग कोर्स की डिग्री के लिए अलग-अलग मांग: इस पूरे मामले में पुलिस ने जिन चार आरोपियों को पकड़ा है और उनसे जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि यदि उनके पास कोई व्यक्ति 8वीं ,10वीं 12वीं की मार्कशीट बनवाने के लिए आता था तो उससे 10 से 15 हजार रुपए लिए जाते थे. इसी तरह से विभिन्न कोर्स जिसमें बी फार्मा, एम फार्मा सहित अन्य तरह की डिग्री बनाते थे. उसके अलग-अलग रुपए लाखों रुपए में लेते थे. बी फार्मा की डिग्री तकरीबन 3 लाख रूपये में बना कर देते थे. इसी तरह से अलग-अलग डिग्रियों के अलग-अलग पर से वह संबंधित व्यक्ति से वसूलते थे.
आगे भी जांच जारी रहेगी: इंदौर के डीसीपी अभिषेक आनंद ने कहा कि "फर्जी मार्कशीट बनाने वाले आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है. अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जल्द ही इस पूरे मामले में दिल्ली, बिहार, पंजाब, सहित अन्य यूनिवर्सिटी से भी पत्राचार कर आरोपियों के बारे में जानकारी निकाली जाएगी. इस दौरान यूनिवर्सिटी का कोई व्यक्ति इन आरोपियों से मिला हुआ रहा तो उस पर भी कार्रवाई करने की बात कही है."