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इंदौर की मॉर्डन लैब को मिला फंगस के इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस, जल्द दूर होगी किल्लत - ब्लैक फंगस इंफेक्शन

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसार लिए हैं, इंजेक्शन की कमी से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं. लेकिन जल्द ही प्रदेश में ब्लैक फंगस के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कमी दूर हो जाएगी. इंदौर की मॉर्डन लैब को सरकार ने इंजेक्शन बनाने की अनुमति दे दी है.

Indore's Modern Lab gets license to make fungus injections
इंदौर की मॉर्डन लैब को मिला फंगस के इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस
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Published : May 30, 2021, 11:01 PM IST

इंदौर। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसार लिए हैं, इंजेक्शन की कमी से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं. लेकिन जल्द ही प्रदेश में ब्लैक फंगस के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कमी दूर हो जाएगी. इंदौर की मॉर्डन लैब को सरकार ने इंजेक्शन बनाने की अनुमति दे दी है.

इंदौर की मॉर्डन लैब को मिला फंगस के इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस

मार्डन लैब को मिला इंजेक्शन का लाइसेंस

ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और येलो फंगस के इलाज में प्रभावशाली इंजेक्शन एंफोटेरिसिन-बी और पोसोकोनजोल का निर्माण देश की कुछ फार्मा कंपनी कर रही है. लेकिन अब इसे बनाने का लाइसेंस देश की कुछ अन्य लैब को भी दिया गया है. जिसमें इंदौर की मॉर्डन लैबोरेट्री भी शामिल है. मॉर्डन लैबोरेट्रीज के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने बताया कि सांसद शंकर लालवानी और मंत्री तुलसी सिलावट की मदद से लैब को ये लाइसेंस मिला है.

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15 से 20 दिनों में मार्केट में मिलेगा इंजेक्शन

मॉर्डन लेबोरेटरी के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने बताया कि लाइसेंस मिलते ही कच्चे माल का ऑर्डर दे दिया गया है. कुछ ही दिनों में लैब इंजेक्शन का निर्माण करने लगेगी इसके बाद लैब 10 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन बनाएगी, जिससे की इंजेक्शन की कमी दूर होगी. मॉडर्न ग्रुप के डायरेक्टर अनिल खरिया की माने तो भारत सरकार द्वारा केवल पांच कंपनियों को इंजेक्शन और दवाई निर्माण की अनुमति दी गई है, जिसमें मॉडर्न लैबोरेट्रीज भी शामिल है, अगले 15 से 20 दिनों में उनका प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा.

इंदौर। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसार लिए हैं, इंजेक्शन की कमी से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं. लेकिन जल्द ही प्रदेश में ब्लैक फंगस के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कमी दूर हो जाएगी. इंदौर की मॉर्डन लैब को सरकार ने इंजेक्शन बनाने की अनुमति दे दी है.

इंदौर की मॉर्डन लैब को मिला फंगस के इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस

मार्डन लैब को मिला इंजेक्शन का लाइसेंस

ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और येलो फंगस के इलाज में प्रभावशाली इंजेक्शन एंफोटेरिसिन-बी और पोसोकोनजोल का निर्माण देश की कुछ फार्मा कंपनी कर रही है. लेकिन अब इसे बनाने का लाइसेंस देश की कुछ अन्य लैब को भी दिया गया है. जिसमें इंदौर की मॉर्डन लैबोरेट्री भी शामिल है. मॉर्डन लैबोरेट्रीज के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने बताया कि सांसद शंकर लालवानी और मंत्री तुलसी सिलावट की मदद से लैब को ये लाइसेंस मिला है.

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15 से 20 दिनों में मार्केट में मिलेगा इंजेक्शन

मॉर्डन लेबोरेटरी के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने बताया कि लाइसेंस मिलते ही कच्चे माल का ऑर्डर दे दिया गया है. कुछ ही दिनों में लैब इंजेक्शन का निर्माण करने लगेगी इसके बाद लैब 10 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन बनाएगी, जिससे की इंजेक्शन की कमी दूर होगी. मॉडर्न ग्रुप के डायरेक्टर अनिल खरिया की माने तो भारत सरकार द्वारा केवल पांच कंपनियों को इंजेक्शन और दवाई निर्माण की अनुमति दी गई है, जिसमें मॉडर्न लैबोरेट्रीज भी शामिल है, अगले 15 से 20 दिनों में उनका प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा.

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