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पीथमपुर स्थित फैक्ट्री से यशवंत सागर तालाब में छोड़ा जा रहा दूषित पानी, अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

इंदौर के यशवंत सागर तालाब में पीथमपुर स्थित फैक्ट्री ने दूषित पानी छोड़ दिया, जिससे तालाब का दूषित हो गया है.

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Published : Oct 22, 2019, 9:03 PM IST

उद्योगों के दूषित जल से प्रदूषित हुआ इंदौर का पेयजल स्त्रोत

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में पेयजल के स्थाई स्त्रोत भी प्रदूषण करने वालों से सुरक्षित नहीं है. शहर के यशवंत सागर तालाब में पीथमपुर के किसी उद्योग ने दूषित पानी छोड़ दिया. यह पानी नदी से होते हुए यशवंत सागर तालाब मिल गया, जिससे तालाब का दूषित हो गया है.

उद्योगों के दूषित जल से प्रदूषित हुआ इंदौर का पेयजल स्त्रोत
इंदौर नगर निगम के जल कार्य प्रभारी बलराम वर्मा को कुछ लोगों ने सूचना दी कि गंभीर नदी और यशवंत तालाब का पानी लाल हो गया है, जिसके बाद वर्मा ने तत्काल कलारिया गांव में जाकर मौके का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पता चला कि पीथमपुर की फैक्ट्रियों का प्रदूषित जल गंभीर नदी में मिलने से गंभीर नदी का पानी प्रदूषित होकर लाल हो गया है. फिलहाल निगम के अधिकारी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि यशवंत सागर का पानी जोकि केमिकल का पानी मिलने से दूषित हो चुका है वह अब पीने के लिए इंदौर शहर में सप्लाई किया जा सकता है या नहीं, हालांकि जांच रिपोर्ट आने तक नगर निगम के जल विभाग ने शहर के अधिकांश हिस्सों में नर्मदा जल की सप्लाई का ही फैसला किया है.

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में पेयजल के स्थाई स्त्रोत भी प्रदूषण करने वालों से सुरक्षित नहीं है. शहर के यशवंत सागर तालाब में पीथमपुर के किसी उद्योग ने दूषित पानी छोड़ दिया. यह पानी नदी से होते हुए यशवंत सागर तालाब मिल गया, जिससे तालाब का दूषित हो गया है.

उद्योगों के दूषित जल से प्रदूषित हुआ इंदौर का पेयजल स्त्रोत
इंदौर नगर निगम के जल कार्य प्रभारी बलराम वर्मा को कुछ लोगों ने सूचना दी कि गंभीर नदी और यशवंत तालाब का पानी लाल हो गया है, जिसके बाद वर्मा ने तत्काल कलारिया गांव में जाकर मौके का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पता चला कि पीथमपुर की फैक्ट्रियों का प्रदूषित जल गंभीर नदी में मिलने से गंभीर नदी का पानी प्रदूषित होकर लाल हो गया है. फिलहाल निगम के अधिकारी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि यशवंत सागर का पानी जोकि केमिकल का पानी मिलने से दूषित हो चुका है वह अब पीने के लिए इंदौर शहर में सप्लाई किया जा सकता है या नहीं, हालांकि जांच रिपोर्ट आने तक नगर निगम के जल विभाग ने शहर के अधिकांश हिस्सों में नर्मदा जल की सप्लाई का ही फैसला किया है.
Intro:इंदौर, देश के सबसे स्वच्छ शहर में पेयजल के स्थाई स्त्रोत भी प्रदूषण करने वालों से सुरक्षित नहीं है, यही वजह है कि आज शहर के यशवंत सागर तालाब में पीतमपुर के किसी उद्योग ने दूषित पानी छोड़ दिया लिहाजा कई गैलन लाल रंग का दूषित पानी गंभीर नदी से होते हुए यशवंत सागर तालाब के शुद्ध पानी में मिल गया, मामला उजागर होने के बाद नगर निगम प्रशासन ने संबंधित उद्योग को सबक सिखाने के लिए खोजबीन शुरू कर दी है वही यशवंत सागर तालाब के पानी को जांच के लिए लैब में भिजवाया है, Body:दरअसल इंदौर नगर निगम के जल कार्य प्रभारी बलराम वर्मा को आज सुबह कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि यशवंत सागर तालाब में मिलने वाली गंभीर नदी का पानी लाल हो चुका है जो पीने के पानी के लिए शहर में वितरित किए जाने वाले यशवंत सागर तालाब के पानी में मिल रहा है इस घटना के सामने आने के बाद
श्री वर्मा ने तत्काल कलारिया गांव में जाकर मौके का निरीक्षण किया इस दौरान पता चला कि पीथमपुर की फैक्ट्रियों का प्रदूषित जल गंभीर नदी में मिलने से गंभीर नदी का पानी प्रदूषित होकर लाल हो गया है। और गंभीर नदी का यह पानी यशवंत सागर तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि पीथमपुर उद्योगों से प्रवाहित किया गया पानी जहरीला और रासायनिक होने के कारण लाल रंग का हो चुका है अब यही पानी भविष्य में शहर में वितरित किए जाने से स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक परिणाम सामने आ सकते हैं नतीजतन बलराम वर्मा ने पानी की जांच के आदेश दे दिए हैं । साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीथमपुर की किस फैक्ट्री का पानी गंभीर नदी में छोड़ा गया है इसकी भी अविलंब जांच करें हालांकि अभी नगर निगम यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि इस प्रदूषित जल के वितरण की स्थिति में इंदौर शहर के लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से कितना असर हो सकता है। फिलहाल निगम के अधिकारी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि यशवंत सागर का पानी जोकि केमिकल का पानी मिलने से दूषित हो चुका है वह अब पीने के लिए इंदौर शहर में सप्लाई किया जा सकता है या नहीं, हालांकि जांच रिपोर्ट आने तक नगर निगम के जल काल विभाग ने शहर के अधिकांश हिस्सों में नर्मदा जल की सप्लाई का ही फैसला किया है इधर दूसरी तरफ अब पीथमपुर का कोई भी उद्योग इस मनमानी की जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार नहीं है ना ही फिलहाल किस उद्योग ने यह दूषित पानी गंभीर नदी में छोड़ा है इसका भी पता फिलहाल नहीं चल सका है इधर पानी की जांच के सैंपल प्रदूषण नियंत्रण मंडल इंदौर ने भी लिए हैं जिससे कि पानी की शुद्धता को लेकर वस्तुस्थिति का सटीक आकलन किया जा सकेConclusion:बाइट बलराम वर्मा जल कार्यसमिति प्रभारी नगर निगम इंदौर
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