इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर में वेस्ट मटेरियल से तरह-तरह का सामान बनाया जा रहा है, जिसमें गीले कचरे से खाद और सूखे कचरे को विभिन्न प्रकार से रिसाइकल करके उनके अलग-अलग उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इससे इंदौर नगर निगम को हर साल करोड़ों की आय हो रही है. इसके अलावा शहर के कुछ नागरिक ऐसे भी हैं जो अनुपयोगी सामान का बेहतरीन उपयोग करने को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. ऐसे ही आर्टिस्ट हैं सुनील व्यास जिन्होंने हाल ही में शहर के नौलखा चौराहे पर वेस्ट मटेरियल से बाकायदा पूरा होर्डिंग तैयार किया था.
राजवाड़ा की सुंदर कलाकृति तैयार: इस क्रम में सुनील व्यास ने अब टाट के फटे पुराने के बोरे और जूट से राजवाड़ा की सुंदर कलाकृति तैयार की है. शहर में होल्कर कालीन विरासत की धरोहर के रूप में मौजूद राजवाड़ा में 85 खिड़कियां हैं, जो 7 मंजिला भवन को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करती हैं. 1733 में इंदौर के होल्कर राजवंश के राजाओं द्वारा तैयार किए गए राजवाडा पैलेस का हाल ही में जीर्णोद्धार भी हुआ है. जीर्णोद्धार के बाद राजवाड़ा अपने नए रूप में निखर कराया है. इसी धरोहर को वेस्ट मटेरियल के आर्टिस्ट सुनील व्यास ने अपनी खास कला के टेक्सचर के जरिए राजबाला की अनुपम कलाकृति तैयार की है.
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में होगी आकर्षण का केंद्र: वेस्ट मटेरियल के आर्टिस्ट सुनील व्यास बताते हैं कि उनकी यह कलाकृति इंदौर नगर निगम के संज्ञान में लाए जाने के बाद इसको प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले लोगों को स्वच्छता के प्रति के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है. उन्होंने बताया इंदौर में यह देश का पहला आर्ट है, जिसे वस्तु आर्ट कहा जाता है. इस तरह की कलाकृति तैयार करने के लिए निर्माण सामग्री के चयन के पहले संबंधित कला का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाता है. उसके अनुसार सामग्री चयन करने के बाद उसे आकर्षक तरीके से देखने के लिए नियत स्थान पर संबंधित उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री से सजाया जाता है.