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Indore IDA Scheme 53: इंदौर विकास प्राधिकरण में मचा हंगामा, जानें अधिकारी के सामने अर्धनग्न होकर लोगों ने क्यों किया कपड़ों का दान? - अर्धनग्न होकर लोगों ने क्यों किया कपड़ों का दान

इंदौर विकास प्राधिकरण में उस वक्त हंगामा मच गया, जब लोगों ने अधिकारी के सामने अर्धनग्न होकर अपने कपड़े अधिकारी को ही दान कर कर दिए. आइए जानते हैं लोगों ने ऐसा क्यों किया.

indore ida scheme 53
इंदौर विकास प्राधिकरण
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 11:39 AM IST

Updated : Sep 27, 2023, 12:02 PM IST

इंदौर विकास प्राधिकरण में मचा हड़कंप

इंदौर। कई आवासीय योजनाओं में अपने फायदे के लिए लोगों को प्लांट नहीं देने के आरोप झेल रहे इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ अब पीड़ित लोग अर्धनग्न होकर कपड़ों का दान कर रहे हैं. मंगलवार को पहली बार कालिंदी गृह निर्माण समिति के सदस्यों ने अपने प्लाट की एनओसी की मांग को लेकर न केवल प्राधिकरण कार्यालय के समक्ष कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया, बल्कि अपने उतरे हुए कपड़े विकास प्राधिकरण को दान भी किए.

क्या है मामला: दरअसल इंदौर के mr9 के पास मौजूद कालिंदी ग्रहण निर्माण सहकारी संस्था के सदस्यों ने 1980 में प्लाट खरीदे थे, लेकिन बाद में इसी कॉलोनी के पास इंदौर विकास प्राधिकरण ने अपनी स्कीम नंबर 53 घोषित कर दी. इसके फल स्वरुप प्लाट धारकों को अब तक ना तो उनके प्लांट मिल सके, ना ही प्लांट पर मकान बनाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण से अनापत्ति ही मिल सकी. लिहाजा 3 दशकों से पीड़ित परिवार इस मामले का हल निकालने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण से गुहार लगा रहे हैं. दरअसल आवासीय कॉलोनी की जमीन पर अपनी स्कीम घोषित करने के खिलाफ रहवासी हाई कोर्ट से भी गए थे, जिसमें हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरण की स्कीम को खारिज कर दिया था. लेकिन विकास प्राधिकरण ने 1996 और 1998 में आए हाई कोर्ट के फैसले को भी मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद से ही प्राधिकरण हाई कोर्ट के समक्ष भ्रामक दलील प्रस्तुत करके मामले को लंबित रखे हुए हैं, जिसका खामियाजा प्लाट खरीदने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है.

समिति के सदस्य अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "हाई कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर विकास प्राधिकरण इस स्कीम को निरस्त भी कर चुका है, लेकिन फिर भी इंदौर विकास प्राधिकरण संबंधित जमीन पर लोगों को उनके आधिपत्य के प्लाट पर मकान बनाने की एनओसी जारी नहीं कर रहा है. इस मामले की शिकायत हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी की गई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके फल स्वरुप आज कॉलोनी के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने 11:00 इंदौर विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर पहुंचकर बारी-बारी से अपने कपड़े उतारे और प्रदर्शन किया, इसके बाद कपड़ों को कार्यालय में जाकर दान कर दिया."

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अगले मंगलवार को फिर भेंट की जाएगी चूड़ियां और चुनरी: अपने ही प्लांट पर मकान बनाने की अनुमति नहीं मिल पाने से परेशान पीड़ित परिवार की महिलाएं अब अगले मंगलवार को विकास प्राधिकरण के द्वार पर चूड़ियां भेंट करेंगी, इस दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से चुनरी का दान भी विकास प्राधिकरण को किया जाएगा. यह पीड़ित ने बताया कि "अगले मंगलवार को विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए चुल्लू भर पानी भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कि लोगों को विकास प्राधिकरण के लोगों को हठधर्मिता और मनमानी से रूबरू कराया जा सके."

इंदौर विकास प्राधिकरण में मचा हड़कंप

इंदौर। कई आवासीय योजनाओं में अपने फायदे के लिए लोगों को प्लांट नहीं देने के आरोप झेल रहे इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ अब पीड़ित लोग अर्धनग्न होकर कपड़ों का दान कर रहे हैं. मंगलवार को पहली बार कालिंदी गृह निर्माण समिति के सदस्यों ने अपने प्लाट की एनओसी की मांग को लेकर न केवल प्राधिकरण कार्यालय के समक्ष कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया, बल्कि अपने उतरे हुए कपड़े विकास प्राधिकरण को दान भी किए.

क्या है मामला: दरअसल इंदौर के mr9 के पास मौजूद कालिंदी ग्रहण निर्माण सहकारी संस्था के सदस्यों ने 1980 में प्लाट खरीदे थे, लेकिन बाद में इसी कॉलोनी के पास इंदौर विकास प्राधिकरण ने अपनी स्कीम नंबर 53 घोषित कर दी. इसके फल स्वरुप प्लाट धारकों को अब तक ना तो उनके प्लांट मिल सके, ना ही प्लांट पर मकान बनाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण से अनापत्ति ही मिल सकी. लिहाजा 3 दशकों से पीड़ित परिवार इस मामले का हल निकालने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण से गुहार लगा रहे हैं. दरअसल आवासीय कॉलोनी की जमीन पर अपनी स्कीम घोषित करने के खिलाफ रहवासी हाई कोर्ट से भी गए थे, जिसमें हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरण की स्कीम को खारिज कर दिया था. लेकिन विकास प्राधिकरण ने 1996 और 1998 में आए हाई कोर्ट के फैसले को भी मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद से ही प्राधिकरण हाई कोर्ट के समक्ष भ्रामक दलील प्रस्तुत करके मामले को लंबित रखे हुए हैं, जिसका खामियाजा प्लाट खरीदने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है.

समिति के सदस्य अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "हाई कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर विकास प्राधिकरण इस स्कीम को निरस्त भी कर चुका है, लेकिन फिर भी इंदौर विकास प्राधिकरण संबंधित जमीन पर लोगों को उनके आधिपत्य के प्लाट पर मकान बनाने की एनओसी जारी नहीं कर रहा है. इस मामले की शिकायत हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी की गई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके फल स्वरुप आज कॉलोनी के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने 11:00 इंदौर विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर पहुंचकर बारी-बारी से अपने कपड़े उतारे और प्रदर्शन किया, इसके बाद कपड़ों को कार्यालय में जाकर दान कर दिया."

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Last Updated : Sep 27, 2023, 12:02 PM IST
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