इंदौर। नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा मध्य प्रदेश शासन द्वारा 12 नवम्बर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में देय संपत्तिकर राशि पर निर्धारित नियमों के तहत अधिभार में छूट देने का प्रावधान किया था. लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने नियम के विपरीत अधिभार में छूट प्रदान कर निगम को राशि 45 लाख से अधिक की वित्तीय हानि पहुंचाई. आज जब यह मामला उजागर हुआ तो नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने 9 मस्टर/विनियमित कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के साथ ही प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी जोन 12 व 16 को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए.
नियमों के विपरीत जाकर रसीद काटी : इसके अलावा नगर निगम के नियमों के विपरीत छूट का लाभ देकर रसीद जारी करने वाले कुल 23 अधिकारी/निगम कर्मचारियों के विरुद्ध निलंबन/सेवा समाप्ति के आदेश जारी किये गये. इस प्रकरण में निगम प्रशासन ने जोन क्रमांक 12 के अंतर्गत स्थित देवश्री टॉकिज के सम्पति स्वामी मनोहरलाल देव के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु भी निर्देशित किया. गौरतलब है कि 12 नवम्बर को निगम के समस्त जोनल कार्यालय व निगम मुख्यालय पर आयोजित नेशनल लोक अदालत में नियमों के विपरित अधिभार में छूट प्रदान करने को निगम को 45,50,719 की वित्तीय हानि पहुंचाई गई थी. इस मामले में कमिश्नर द्वारा जांच कराई जा रही थी.
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इन पर गिरी गाज : घटनाक्रम की प्राथमिक जांच में संलिप्त पाये जाने पर प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी जोन क्रमांक 12 अतुल मिश्रा, जोन 16 के प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी हरिश बारगल को निलंबित किया गया. इसके साथ ही आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा निगम के विभिन्न झोनल कार्यालयों पर पदस्थ 09 मस्टर/विनियमित कर्मचारी जिनमें कम्प्युटर ऑपरेटर प्रिंस गिरीया, अंकित पाल, देवाशीष मिश्रा, जितेन्द्र सुर्यवंशी, लिंकेश गवली, मनीष श्रीवास, अमित परमार, मयूर बंसोडे, अरूण सिंघल की सेवा समाप्त की गई. साथ ही 12 स्थाई कर्मचारी जिनमें प्रभारी बिल कलेक्टर/क्लर्क/बेलदार अंकित शर्मा, अशोक पाटल, रमेश यादव, जागृति बिरथरे, हिसाबुददीन कुरेशी, मुकुल शर्मा, अमर तिवारी, गोविंद राठौर, अहमद बिलाल अंसारी, मो. जावेद, पदमसिंह राठौर, मयंक धेमन को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश जारी किये गये.