इंदौर। रामनवमी को हुई हृदय विदारक घटना से सबक लेते हुए इंदौर नगर निगम ने बेलेश्वर महादेव मंदिर से सटी बावड़ी की छत तोड़ने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार पर 36 लोगों की मौत के बाद बने दबाव और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इस मामले को हाईकोर्ट ले जाने की घोषणा के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने संबंधित विवादित बावड़ी की छत को तोड़ने की स्वीकृति दी है लिहाजा बावड़ी के ऊपर की छत पर कल रिमूवल की कार्रवाई होगी.
सीएम के निर्देश: इंदौर में रामनवमी जैसी घटना की कभी भी पुनरावृत्ति ना हो इसलिए इंदौर नगर निगम ने डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ इक्विपमेंट को अपग्रेड करने के लिए एक्सएल बनाने का निर्णय लिया था. इसी बीच मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कलेक्टरों के साथ बैठक में भी भविष्य में इंदौर जैसी घटना किसी भी जिले में नहीं होने संबंधी निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के साथ वर्चुअल बैठक में निर्देश दिए हैं कि अब खेत में खुला बोर मिलने पर भूमि स्वामी और सरकारी जमीन में मिलने पर अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाएगी. इसके अलावा गांव या शहर कहीं भी खुले कुएं हैं तो उनमें मुंडेर, फेंसिंग या बाउंड्री वाल बनवाएं. इंदौर जैसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए.
बैठक में सीएम ने कहा कि कई जगह पुराने कुएं और बावड़ियों पर कब्जा कर बिना भरे ही उन्हें ढंक दिया गया है यह अत्यंत गंभीर है. उन्होंने इंदौर की बावड़ी का जिक्र करते हुए कहा इस बावड़ी को 30 वर्ष पहले ढंका गया था. हर जिले में ऐसे कुएं-बावड़ियों को गंभीरता से चिन्हित करें, भले ही उन्हें ढंके नहीं, पर यह जरूर देखें कि उनमें कोई गिरे नहीं. आए दिन बच्चों के बोर में गिरने की खबरें आती हैं ऐसे में हम हादसे का इंतजार न करें.
कमलनाथ ने कहा था 7 दिन में तोड़ी जाए बावड़ी की छत: इंदौर के हादसे में 36 लोगों की मौत के बाद पीड़ितों के परिजनों ने गुस्सा जताते हुए इस बावड़ी के पास बने विवादित स्थल को हटाने की मांग की थी हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दौरे के दौरान भी यही मामला सामने आया था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से इस बावड़ी की छत को 7 दिन में छोड़ने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि यदि राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती तो इस मामले में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर कर बावड़ी की विवादित छत को तुड़वाया जाएगा. राजनीतिक हलकों में कमलनाथ के बयान की तीखी प्रतिक्रिया हुई है यही वजह है कि राज्य सरकार ने खुद ही आगे आकर इस मामले में पहल कर दी है. गौरतलब है इस मामले में पहले ही मंदिर समिति के 2 लोगों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. वहीं नगर निगम के 2 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है.