इंदौर। मध्यप्रदेश में सत्ता पर फिर काबिज होने के लिए शिवराज सरकार विभिन्न जाति वर्ग और समाजों के साधने के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि मालवा निमाड़ में आदिवासी वोट बैंक के लिए बिरसा मुंडा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के बाद अब दलित वोट बैंक को साधने शिवराज सरकार और भाजपा पूरे प्रदेश में समरसता यात्रा निकाल रही है. 4, 5 और 6 अगस्त को यह यात्रा इंदौर में प्रवेश करने जा रही है, जिसके लिए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
35 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित: दरअसल मध्य प्रदेश की कुल आबादी में 17 से 18 फीसदी इस वर्ग के लोग हैं. जिनके लिए 230 विधानसभा सीटों में से 35 आरक्षित सीट हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 18 सीट, वहीं बीजेपी ने 17 सीटें जीती थीं. क्योंकि इन सीटों के आधार पर ही सरकार और सत्ता का फैसला होता है. यही वजह है कि चुनावी वर्ष में संघ के इशारे पर शिवराज सरकार ने आदिवासी वोट बैंक पर फोकस किया था. इसी तरह अब पार्टी दलित वोट बैंक को साधने के लिए पूरे प्रदेश में समरसता यात्रा निकाल रही है.
सागर में बन रहा संत शिरोमणि रविदास का मंदिर: समरसता यात्रा के पूर्व शिवराज सरकार ने दलित बहुल सागर जिले में 14 एकड़ क्षेत्र में करीब 100 करोड़ की लागत से संत शिरोमणि रविदास महाराज का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी. जिसके निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इसके बाद से 5 स्थानों से यह यात्रा निकाली जा रही है जो 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी.
4, 5 और 6 अगस्त को इंदौर से निकलेगी यात्रा: इंदौर में यात्रा के प्रभारी और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज केयरों के मुताबिक, इंदौर संभाग से निकलने वाली समरसता यात्रा 4, 5 और 6 अगस्त को निकलेगी. जिसमें 55000 गांव की मिट्टी और करीब 315 नदियों का जल लेकर संत रविदास के अनुयाई और पार्टी कार्यकर्ता सागर पहुंचेंगे और वहां इसी मिट्टी और पानी से पूजन पाठ कर संत रविदास की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके अलावा नवनिर्मित रविदास महाराज के मंदिर में उनके चरण पादुकाओं को विस्थापित किया जाएगा.
यात्रा इसलिए भी जरूरी: दरअसल नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के पूर्व दलितों के खिलाफ राज्य में घटित जघन्य अपराधों के कारण दलित वोट बैंक शिवराज सरकार से फिलहाल दूरियां बनाए हुए हैं. इसके अलावा माना जाता है कि आदिवासियों के साथ दलित वोट बैंक का झुकाव कांग्रेस की तरफ होता है. हालांकि बीते 18 सालों के शासनकाल में भाजपा ने दलित वर्ग को सत्ता और संगठन में अनुपात के अनुसार प्राथमिकता दी है. बावजूद इसके प्रदेश में हाल ही में हुई कई घटनाओं के कारण भी कहीं ना कहीं शिवराज सरकार से नीति और उपेक्षा के कारण दलित वर्ग नाराज है. यही वजह है कि शिवराज सरकार चुनाव के पहले संत रविदास मंदिर बना रही है. जिससे कि दलितों के बीच भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.
दलित अत्याचार में मध्यप्रदेश नंबर वन: 2021 की नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में दलित अत्याचार को लेकर मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. इतना ही नहीं यहां दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों की दर सर्वाधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर दिन 7 से ज्यादा अपराध अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ हो रहे हैं. इसके बावजूद दलित आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग अपमानित होने के बावजूद भी न्याय की आस में भटक रहे हैं.
आदिवासियों पर इन घटनाओं से प्रदेश शर्मसार: हाल ही में इंदौर में धार जिले के दो भाइयों को बंधक बनाकर पीटा गया था, इसके अलावा शिवपुरी में दो दलित युवकों को लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में मुंह काला करके पूरे गांव में घुमाया गया था. यहां तक कि उन्हें जूतों की माला पहनाकर मेला खिलाया गया. इसके अलावा सीधी जिले का पेशाब कांड भी आदिवासी और दलित वर्ग के लोग भूल नहीं पा रहे हैं. फिलहाल मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 के मुकाबले 2021 के बीच दलितों पर हुए अपराधों में 51.7 फ़ीसदी मामलों की वृद्धि हुई है. 2021 में अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ पूरे देश में 5900 अपराध घटित हुए जिनमें से 7214 मामले मध्यप्रदेश में सामने आए.