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5वीं अनुसूची को लेकर लगी याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने की सुनवाई

आदिवासी क्षेत्रों के विकास और 5वीं अनुसूची लागू नहीं करने को लेकर लगाई गई याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई कर सरकार और विधायक हीरालाल अलावा को 4 सप्ताह का वक्त दिया है.

Indore High Court
इंदौर हाईकोर्ट
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Published : Jan 30, 2021, 1:51 AM IST

Updated : Jan 30, 2021, 7:07 AM IST

इंदौर। आदिवासी क्षेत्रों के विकास को लेकर दायर विधायक हीरालाल अलावा की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर खंड़पीठ ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों दोनों पक्षो को चार सप्ताह का समय दिया है. माना जा रहा है अह इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च के आसपास हो सकती है.

विधायक हीरालाल अलावा ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के साथ ही आदिवासियों के विकास को लेकर सरकार से की योजनाओं पर प्रश्न खड़े करते हुए याचुका लगाई थी, जिसमें 70 साल बाद भी पांचवी अनुसूची लागू नकरने को लेकर सवाल किया गया था.

विधायक हीरालाल अलावा का मानना है कि 5वीं अनुसूची लागू नहीं होने के कारण विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में विकास नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके कारण उन्हें मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है. वहीं पाचवी अनुसूची लागू नहीं होने के कारण आदिवासी समाज का विभिन्न तरह से विकास भी नहीं हो रहा है.

बता दें विधायक हीरालाल अलावा के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में तकरीबन 5 महीने पहले याचिका लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों शासन से जवाब भी मांगा था, लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी शासन की ओर से अभी तक किसी तरह की कोई जवाब पेश नहीं किया गया है.

इंदौर। आदिवासी क्षेत्रों के विकास को लेकर दायर विधायक हीरालाल अलावा की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर खंड़पीठ ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों दोनों पक्षो को चार सप्ताह का समय दिया है. माना जा रहा है अह इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च के आसपास हो सकती है.

विधायक हीरालाल अलावा ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के साथ ही आदिवासियों के विकास को लेकर सरकार से की योजनाओं पर प्रश्न खड़े करते हुए याचुका लगाई थी, जिसमें 70 साल बाद भी पांचवी अनुसूची लागू नकरने को लेकर सवाल किया गया था.

विधायक हीरालाल अलावा का मानना है कि 5वीं अनुसूची लागू नहीं होने के कारण विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में विकास नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके कारण उन्हें मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है. वहीं पाचवी अनुसूची लागू नहीं होने के कारण आदिवासी समाज का विभिन्न तरह से विकास भी नहीं हो रहा है.

बता दें विधायक हीरालाल अलावा के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में तकरीबन 5 महीने पहले याचिका लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों शासन से जवाब भी मांगा था, लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी शासन की ओर से अभी तक किसी तरह की कोई जवाब पेश नहीं किया गया है.

Last Updated : Jan 30, 2021, 7:07 AM IST
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