इंदौर। फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर कानून को धोखा देने वाले आरोपी की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. ये मामला काफी सुर्खियों में बना हुआ था. दरअसल, कोरोना के दौरान आरोपी के द्वारा जमानत ली गई थी और उसके बाद फर्जी तरीके से दस्तावेज बनवाकर खुद को मृत घोषित करवाकर बचने का प्रयास किया था. लेकिन इस पूरे ही मामले में नारकोटिक्स विभाग ने आरोपी को तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया और पूरे मामले का खुलासा कर दिया.
ये है मामलाः जानकारी के अनुसार ड्रग्स के मामले में पकड़े गए आरोपी अभिषेक जैन को 12 साल की सजा कोर्ट ने सुनाई थी. लेकिन कोरोना काल में कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा रहा था. इसी दौरान आरोपी अभिषेक जैन को भी रिहा किया गया, लेकिन आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए षड्यंत्र रचा और परिजनों के साथ मिलकर खुद का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और उसे कोर्ट के समक्ष उपस्थित कर दिया. इससे कोर्ट ने यह माना कि आरोपी की कोरोना के दौरान मृत्यु हो गई और पूरा मामला रफा-दफा हो गया. लेकिन नारकोटिक्स विभाग की टीम ने आरोपी को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया और जैसे ही आरोपी पकड़ा गया तो पूर्व में जिस तरह से उसने फर्जी प्रमाणपत्र पेश कर कोर्ट की आंखों में धूल झोंकी थी, उससे पर्दा उठ गया और पूरे मामले का खुलासा हो गया. फिलहाल इस मामले में जहां एक बार फिर कोर्ट ने आरोपी को सख्त सजा से दंडित किया है, वहीं पूरे ही मामले में धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज किया गया है.
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कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिजः इस पूरे मामले में उसके परिजन सीमा जैन को भी आरोपी बनाया गया तो वहीं आरोपी अभिषेक आजाद जैन और सीमा जैन ने शनिवार को इंदौर के अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे की कोर्ट में जमानत याचिका पेश की जिसे कोर्ट ने सशर्त खारिज कर दिया.