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इंदौर: इंडियन क्रिकेट टीम में खेलने का सपना लिए मैदान में अभ्यास करती क्रिकेट अकादमी की गर्ल्स

इंदौर के यशवंत राव होल्कर क्रिकेट अकादमी परिसर में बॉयज क्रिकेटरों को अब गर्ल्स क्रिकेटर क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं. गर्ल्स का मानना है कि इंडियन टीम में शामिल होगी और देश के लिए वर्ल्ड कप खेलेंगी

indore
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Published : Jun 1, 2019, 12:55 PM IST

इंदौर। यशवंत राव होल्कर क्रिकेट अकादमी परिसर में बॉयज क्रिकेटरों को अब गर्ल्स क्रिकेटर क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं. क्रिकेट अकादमी में अब गर्ल्स क्रिकेटर की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि इंटरनेशनल लेवल पर वूमेन क्रिकेट को काफी प्रोत्साहन मिल रहा है.

क्रिकेट के मैदान में युवतियां

इंदौर के क्रिकेट अकादमियों में अब गर्ल्स खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह तमाम गर्ल्स क्रिकेटर एक दिन वर्ल्ड कप खेलने का सपना लिए दिन-रात क्रिकेट की प्रैक्टिस में जुटी हैं. अधिकांश गर्ल्स क्रिकेटर के आदर्श खिलाड़ी इंडियन टीम के धुरंधर खिलाड़ी हैं. लिहाजा किसी और खेल में हाथ आजमाने की बजाए अलग-अलग अकादमी में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा गर्ल्स क्रिकेटर इंडियन टीम में खेलने का सपना लिए मैदान में डटकर प्रैक्टिस कर रही है.

गर्ल्स और बॉयस टीमों में लगातार प्रैक्टिस के दौरान जो मैच होते हैं. उनमें कई बार गर्ल्स क्रिकेटरों का खेल अव्वल होता है. यहीं नहीं कई मैचों में वह वॉइस क्रिकेटर को क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं. इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो इंदौर संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए अलग-अलग क्रिकेट टूर्नामेंट में अपनी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
अकादमी स्तर पर जो मैच आयोजित किये जाते हैं. उनमें भी कई बार गर्ल्स क्रिकेटरों की टीमें बॉयज क्रिकेटरों के साथ मैच खेलती है.

गर्ल्स का मानना है कि अच्छे से अच्छा खेलने पर 1 दिन ऐसा आएगा जब वे इंडियन टीम में शामिल होगी और देश के लिए वर्ल्ड कप खेलेंगी

इंदौर। यशवंत राव होल्कर क्रिकेट अकादमी परिसर में बॉयज क्रिकेटरों को अब गर्ल्स क्रिकेटर क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं. क्रिकेट अकादमी में अब गर्ल्स क्रिकेटर की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि इंटरनेशनल लेवल पर वूमेन क्रिकेट को काफी प्रोत्साहन मिल रहा है.

क्रिकेट के मैदान में युवतियां

इंदौर के क्रिकेट अकादमियों में अब गर्ल्स खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह तमाम गर्ल्स क्रिकेटर एक दिन वर्ल्ड कप खेलने का सपना लिए दिन-रात क्रिकेट की प्रैक्टिस में जुटी हैं. अधिकांश गर्ल्स क्रिकेटर के आदर्श खिलाड़ी इंडियन टीम के धुरंधर खिलाड़ी हैं. लिहाजा किसी और खेल में हाथ आजमाने की बजाए अलग-अलग अकादमी में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा गर्ल्स क्रिकेटर इंडियन टीम में खेलने का सपना लिए मैदान में डटकर प्रैक्टिस कर रही है.

गर्ल्स और बॉयस टीमों में लगातार प्रैक्टिस के दौरान जो मैच होते हैं. उनमें कई बार गर्ल्स क्रिकेटरों का खेल अव्वल होता है. यहीं नहीं कई मैचों में वह वॉइस क्रिकेटर को क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं. इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो इंदौर संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए अलग-अलग क्रिकेट टूर्नामेंट में अपनी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
अकादमी स्तर पर जो मैच आयोजित किये जाते हैं. उनमें भी कई बार गर्ल्स क्रिकेटरों की टीमें बॉयज क्रिकेटरों के साथ मैच खेलती है.

गर्ल्स का मानना है कि अच्छे से अच्छा खेलने पर 1 दिन ऐसा आएगा जब वे इंडियन टीम में शामिल होगी और देश के लिए वर्ल्ड कप खेलेंगी

Intro:क्रिकेट को भले बॉयज खिलाड़ियों का खेल माना जाता रहा हो लेकिन अब इस खेल को लेकर गर्ल्स क्रिकेटर का जुनून किसी से कम नहीं है यही वजह है की इंदौर की क्रिकेट अकादमीयों में अब गर्ल्स खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है यह तमाम गर्ल्स क्रिकेटर एक दिन वर्ल्ड कप खेलने का सपना लिए दिन रात क्रिकेट की प्रैक्टिस में जुटी हैं


Body:इंदौर के यशवंतराव होल्कर क्रिकेट अकादमी परिसर में बॉयज क्रिकेटरों को अब गर्ल्स क्रिकेटर क्लीन बोल्ड करती नजर आ रही हैं दरअसल यहां की क्रिकेट अकादमी ओं में अब गर्ल्स क्रिकेटर ओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है इसकी वजह देश और दुनिया में इंटरनेशनल लेवल पर वूमेन क्रिकेट को भी प्रमुखता मिलना है इसके अलावा अधिकांश गर्ल्स क्रिकेटर के आदर्श खिलाड़ी इंडियन टीम के धुरंधर खिलाड़ी है लिहाजा किसी और खेल में हाथ आजमाने की बजाए इंदौर में अलग अलग अकादमी यों में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा गर्ल्स क्रिकेटर इंडियन टीम में खेलने का सपना लिए विभिन्न मैदानों पर लगातार प्रैक्टिस करती हैं गर्ल्स और बॉयस टीमों में लगातार प्रैक्टिस के दौरान जो मैच होते हैं उनमें कई बार गलत क्रिकेटरों का खेल अव्वल होता है यही नहीं कई मैचों में वह वॉइस क्रिकेटर को क्लीन बोल्ड करती नजर आती हैं इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो इंदौर संभागीय क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए अलग अलग क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अपनी अपनी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं अकादमी यों के स्तर पर जो मैच होते हैं उनमें भी कई बार गर्ल्स क्रिकेटरों की टीमें बॉयज क्रिकेटरों के साथ मैच के लिए उतरती हैं इन दिनों क्योंकि वर्ल्ड कप होने जा रहा है तो सभी का क्रेज वर्ल्ड कप के मैचों को लेकर है इनका मानना है कि अच्छे से अच्छा खेलने पर 1 दिन ऐसा आएगा जब वे इंडियन टीम में शामिल होकर वर्ल्ड कप खेलेंगे इसके लिए वह प्रैक्टिस की और अच्छे से अच्छा मैच खेलने की किसी भी हद तक जाने को तैयार है


Conclusion:बाईट रितु चौहान कोच
बाइट अपूर्वा सोनी क्रिकेटर
बाइक सुरभि प्रजापत क्रिकेटर
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