इंदौर। देश में बच्चों को गोद लेने की लंबी प्रक्रिया को संशोधित करते हुए जारी किए गए दत्तक ग्रहण अधिनियम के तहत इंदौर में पहली बार दो बच्चों को नए अधिनियम के तहत गोद दिया गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department Indore) के कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक यह आदेश देश के भीतर दत्तक ग्रहण के प्रथम आदेश है. दत्तक ग्रहण संबंधी मामलों का अधिकार 1 सितम्बर 2022 से न्यायालय से जिला मजिस्ट्रेट को हस्तांतरित कर दिया गया है. (Indore Child Adoption)
दत्तक ग्रहण आदेश जारी: दरअसल इंदौर में दो दत्तक दंपत्ति मारुती सुर्वे एवं अरुणा सुर्वे और सोहन रॉय एवं श्रीमती मैत्रेयी रॉय ने इंदौर की सरसा सेवा भारती मातृछाया में रहने वाले दो बच्चों के लिए अलग-अलग गोद लेने संबंधी आवेदन दिए गए थे इन आवेदनों के विभिन्न स्तर पर परीक्षण और विचार के बाद जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अभय बेडेकर द्वारा संस्था सेवा भारती मातृछाया को निर्देशित करते हुए दो बच्चों के संबंध में दत्तक ग्रहण आदेश जारी किए.
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न्यायालय से जिला मजिस्ट्रेट को मामले हस्तांतरित: अपर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अभय बेडेकर द्वारा दो भावी दत्तक दम्पति से चर्चा उपरांत दत्तक ग्रहण आदेश जारी किए गए. महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि, दोनों आदेश देश के भीतर दत्तक ग्रहण के प्रथम आदेश है. किशोर न्याय संशोधित अधिनियम (Juvenile Justice Amendment Act) 2021 एवं दत्तक ग्रहण विनियम 2022 लागू होने के बाद दत्तक ग्रहण संबंधी सभी मामलो में अधिकार 1 सितम्बर 2022 से न्यायालय से जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) को हस्तांतरित किए गए हैं. इन अधिनियमों के तहत पहला आदेश इंदौर में जारी किया गया है.