भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित तीन शहरों में प्रदूषण के मामले में दिल्ली जैसे हालात बन रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण के चलते मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर रतलाम और उज्जैन का नाम दुनिया के प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्ट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे प्रदूषित शहरों में उज्जैन 98 स्थान और भोपाल 131 स्थान पर है. प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए डॉक्टर्स लोगों को सुबह की सैर से तौबा करने और दमा के मरीजों को अहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं.
मध्यप्रदेश में दम घोंटू हवा
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 13 नवंबर के सुबह 11 बजे के आंकड़े कई शहरों की आवोहवा के मामले में चिंता में डालने वाले हैं. मध्यप्रदेश के कई शहरों की हवा की क्वालिटी औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप से भी खराब है.
उज्जैन - हवा में प्रदूषण का स्तर लाल निशान पर है. यहां सुबह 11 बजे हवा में प्रदूषण का स्तर 392 रिकॉर्ड किया गया.
सिंगरौली - एयर पॉल्युशन के मामले में सिंगरौली की स्थित बहुत खराब है. यहां पॉल्युशन का स्तर 326 रिकॉर्ड किया गया.
सागर - सागर के दीन दयाल नगर में पॉल्युशन का स्तर लाल निशान पर है. यहा एयर क्वालिटी इंडेक्ट 349 यानी वैरी पुअर रिकॉर्ड किया गया.
मंडीदीप - भोपाल से सटे और रायसेन जिले में आने वाले इंडस्ट्रियल क्षेत्र मंडीदीप में एयर क्वालिटी इंडेक्स 318 यानी वैरी पुअर रिकॉर्ड किया गया.
जबलपुर - जबलपुर के मर्हतल में AQI 312 रिकॉर्ड किया गया, जो वैरी पुअर कैटेगरी है.
इंदौर - इंदौर के रिहायशी इलाकों और एयरपोर्ट एरिया में एयर क्वालिटी इंडेक्स लाल निशान पर है. रिहायशी इलाके में AQI 303 और एयरपोर्ट एरिया में 381 AQI रिकॉर्ड किया गया.
ग्वालियर - ग्वालियर के डीडी नगर और महाराज बाडा में भी पॉल्युशन का स्तर लाल निशान पर है. यहां AQI 306 रिकॉर्ड किया गया.
भोपाल - प्रदेश की राजधानी भोपाल पॉल्युशन के मामले में रिकॉर्ड तोड़ रही है. भोपाल के पर्यावरण परिसर, टीटी नगर, कलेक्ट्रेट एरिया में पॉल्युशन का स्तर लाल निशान पर बना हुआ है. यहां AQI 318 से 381 रिकॉर्ड किया गया.
इस तरह बढ़ता है एयर पॉल्युशन
पर्यावरणविद डॉ. सुभाष पांडे कहते हैं कि, ''प्रदूषण का असर तापमान घटने के बाद दिखाई देता है. दीपावली और सर्दी बढ़ने के बाद वातावरण में धूल, धुंआ और हानिकारक गैसों के कणों की अधिकता होने से यह हवा को प्रदूषित करते हैं. इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर बढ़ जाता है. सर्दियों में हवा का घनत्व बढ़ जाता है और तापमान कम होने से यह नीचे रह जाते हैं. प्रदेश के शहरी इलाकों में आधुनिकीकरण के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और पर्यावरण की अनदेखी हो रही है, यह उसका ही नतीजा है.''
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सुबह की सैर से करें तौबा
पर्यावरणविद डॉ. सुभाष पांडे सलाह देते हैं कि, ''हवा की खराब क्वालिटी को देखते हुए सुबह सेहत बनाने के लिए सैर पर निकलने वाले लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए. इस आवोहवा में सुबह की सैर सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है. बेहतर होगा कि हल्की धूप निकलने के बाद ही सैर पर निकलें. धूप निकलने पर हवा के कण ऊपर चले जाते हैं.''