इंदौर| मोदी सरकार एक बार फिर सत्ता में आ गई है. अब केंद्र सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. लेकिन सरकार के आगामी बजट से पहले ही GST को लेकर व्यापारी वर्ग में खासा विरोध है. इंदौर के व्यापारियों ने एक सुर में GST को खत्म करने की मांग की है. व्यापारियों की इस मांग को जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखने की तैयारी की जा रही है.
मोदी सरकार बनते ही सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर संबंधित लोगों से संवाद के निर्देश मिले हैं. इसके तहत नवनिर्वाचित सांसद शंकर लालवानी आज इंदौर के औद्योगिक संगठनों के बीच पहुंचे थे. यहां उन्होंने बारी-बारी से जब व्यापारियों से उनकी समस्या जाननी चाही, तो सभी ने जीएसटी के कारण उद्योग धंधे चौपट होने और सरकारी व्यवस्था के कारण लगातार परेशान होने संबंधी परेशानियां बताई.
इस दौरान कपड़ों और बर्तनों पर टैक्स की विसंगति, दो लाख के भुगतान समेत आयकर सीमा, उद्योगों को जीवित रखने के लिए सब्सिडी और दवाई उद्योगों और पैकेजिंग उद्योगों में सरकारी सिस्टम के हस्तक्षेप जैसी विभिन्न मांगों को मोदी सरकार के समक्ष रखने को लेकर व्यापारियों ने सांसद को लिखित आवेदन दिया है.
जीएसटी को नए सिरे से लागू करने को लेकर सभी व्यापारियों ने सांसद शंकर लालवानी के सामने मांग रखी. इस दौरान सांसद लालवानी ने बताया व्यापारियों की मुख्य परेशानी जीएसटी की विसंगतियां हैं जिन्हें दूर करने के लिए सभी व्यापारियों की समस्याओं को जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा.