इंदौर। रामनवमी पर इंदौर के बालेश्वर मंदिर में बावड़ी धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर इंदौर के हाईकोर्ट में प्रस्तुत चौथी जनहित याचिका पर सुनवाई होने के बाद कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी और निगमायुक्त हर्षिका सिंह को नोटिस जारी किया है. संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. वहीं, याचिकाकर्ता ने एक और जनहित याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई है, जिसमें अतिक्रमण की कार्रवाई कर साक्ष्यों को मिटाने वाले विभिन्न संस्थाओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाने की मांग की गई है.
बावड़ी हादसे में हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस: इंदौर के बावड़ी हादसे पर हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अपनाया है. जूनी इंदौर थाना क्षेत्र में मौजूद बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी की स्लैब ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इस मामले में एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई कर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है. वहीं, याचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दयाल के माध्यम से एक और जनहित याचिका कोर्ट के समक्ष लगी है. कोर्ट का कहना है कि अब तक जिम्मेदारों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज कराया गया, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
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हाईकोर्ट का अधिकारियों से सवाल: इंदौर हाईकोर्ट ने सवाल करते हुए कहा, 36 लोगों की मौत हो जाने के बाद जिस तरह से इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन ने मिलकर बावड़ी और मंदिर पर अतिक्रमण की कार्रवाई की और उसमें भराव कर दिया, इससे सारे साक्ष्य खत्म हो गए, ऐसे लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज क्यों नहीं हुआ. पूरे मामले में पूर्व पार्षद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दयाल ने एक याचिका इंदौर हाईकोर्ट में लगाई है, जिस पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी.