इंदौर। शहर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं का वीडियो बनाने के बाद उसे पीएफआई के कार्यकर्ताओं तक भेजने वाली सोनू मंसूरी को एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. तब से वह जेल में ही बंद है.फिलहाल उसकी ओर से एक जमानत याचिका पेश की गई, जिसे जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया गया.
जिला कोर्ट में बनाया वीडियो : बता दें कि तकरीबन 2 महीने पहले इंदौर की एमजी रोड पुलिस ने जिला कोर्ट में वकील के रूप में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की पेशी के दौरान वीडियो बनाने वाली युवती को गिरफ्तार किया था. पकड़ी गई युवती सोनू मंसूरी से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पेशी का वीडियो बनाकर पीएफआई के कार्यकर्ताओं को भेजने वाली थी. इस मामले में उसके पास से पुलिस ने मोबाइल भी जब्त किया और लगातार पूछताछ भी की. वहीं पूछताछ करने के बाद उसे पुलिस ने कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
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बजरंग दल ने ली आपत्ति : वहीं, पिछले कुछ दिनों से वह जेल में ही बंद है लेकिन उसकी ओर से इंदौर जिला कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई, जिसे कोर्ट ने विभिन्न तरह के तर्कों को देखते हुए खारिज कर दिया. बता दें कि सोनू मंसूरी ने कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्कों के आधार पर जमानत लेने की कोशिश की लेकिन जब पूरे मामले की जानकारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने एडवोकेट अनिल नायडू के माध्यम से आपत्ति ली. कोर्ट ने एडवोकेट अनिल नायडू के तर्कों से सहमत होते हुए सोनू मंसूरी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. वहीं इस पूरे मामले में अभी भी एक अन्य अधिवक्ता नूरजहां का नाम सामने आया था और उसे पुलिस लगातार तलाश चल रही है.