इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अलग-अलग तरह के गैंगस्टर लगातार सक्रिय हैं. यहां पहले लोकल गुंडे और बदमाश, व्यापारियों से वसूली करने में जुटे हुए थे, तो वहीं अब इसका स्वरूप काफी बढ़ चुका है और इसमें डी कंपनी तक के लोग जुड़ चुके हैं, जिनका शहर के विभिन्न कारोबारों में पूरा हस्तक्षेप है. इन्हीं अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के कारण ही शहर में आए दिन विभिन्न तरह की आपराधिक घटनाएं भी सामने आती रहती हैं.
विकास के साथ अपराध भी प्रगति के पथ पर
मालूम है कि हाल ही में शहर में एक शराब कारोबारी को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया गया. इस कांड में एक गिरोह का नाम सामने आया था. इंदौर में ऐसे कई और गिरोह सक्रिय हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. बता दें कि इंदौर प्रगति के पथ जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से यहां अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ोतरी की ओर अग्रसर है.
कारोबारियों की सह से बढ़ रहे आपराधी
इंदौर शहर में विभिन्न तरह के आर्थिक साधन मौजूद हैं, जिसके कारण इंदौर काफी तेजी से प्रदेश के अन्य शहरों से आगे बढ़ रहा है. शहर में अलग-अलग तरह के कारोबारी बड़ी संख्या में रहते हैं और इन कारोबारियों का हस्तक्षेप इतना है कि यह देश के कई हिस्सों में व्यापार इंदौर में बैठकर कर रहे हैं, लेकिन इन व्यापारियों के द्वारा ही कुछ गुंडों और बदमाशों का उपयोग अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है और यही गुंडे और बदमाश लगातार क्षेत्र में अपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं.
पुलिस प्रशासन भी परेशान
दरअसल, यहां अपराध के बढ़ते ग्राफ से एक बात स्पष्ट है कि आने वाले दिनों की बात करें तो निश्चित तौर पर शहर में कई और अपराधियों के द्वारा अलग-अलग तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है. वहीं, पुलिस भी इन आरोपियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है, लेकिन जब भी कड़ी कार्रवाई करती है तो निश्चित तौर पर इन अपराधियों के मंसूबों को नेस्तनाबूद कर देती है, लेकिन इन सफेदपोश गुंडे के सीधे-सीधे राजनीतिक वजूद भी हैं, जिसके कारण पुलिस प्रशासन भी इन पर कार्रवाई करने से बचता है और यही कारण है कि इंदौर में दिन व दिन अलग-अलग गिरोह के द्वारा विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
बता दें कि शहर में अपराधियों का इतिहास काफी पुराना रहा है और यहां प्रत्येक क्षेत्र में एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति सक्रिय रहा है. जब पूर्व में ये शहर काफी छोटा था, तो यहां पर पूर्व और पश्चिम में कुछ ही थाने हुआ करते थे. वहीं, कारोबार भी काफी सीमित था. यदि हम पश्चिम क्षेत्र की बात करें तो पश्चिम क्षेत्र में यादव परिवार, शुक्ला परिवार के द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था और यहां पर जो फैक्ट्रियां मौजूद थीं, उन फैक्ट्रियां में जो कर्मचारी काम करते थे. उनके लिए देर रात निकला मानों कोई गुनाह हो, ये कर्मचारी देर रात निकलते थे तो उन्हें लूटपाट की घटनाओं से होकर ही गुजरना पड़ता था. इतना ही नहीं उन गुंडों के द्वारा बड़े फैक्ट्री संचालकों को डराया धमकाया जाता और फिर वसूली की जाती थी. इसी के साथ धीरे-धीरे जिस तरह से इंदौर आगे बढ़ा उसके बाद इंदौर में बाहर के अपराधियों ने भी कदम रखें, जिसमें विष्णु उस्ताद, सुधाकर मराठा, सतीश भाऊ जैसे गैंगस्टर भी शामिल हैं.
चार से पांच गैंग शहर में हैं सक्रिय
इंदौर शहर में तकरीबन चार से पांच गिरोह सक्रिय हैं, जिसमे सतीश भाऊ गैंग, शाकिर चाचा, युवराज उस्ताद की गैंग, इंदौर शहर में काफी सक्रिय है. इसी के साथ डी कंपनी के कुछ लोग भी इंदौर शहर में लगातार सक्रिय है और वह समय-समय पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसी के साथ यूपी की गैंग के द्वारा भी इंदौर शहर में पिछले कुछ दिनों से लगातार विभिन्न तरह की आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. बता दें कि जो भी गैंग इंदौर में सक्रिय है उन सभी गिरोह के कुख्यात आरोपियों के खिलाफ तकरीबन 30 से 35 अपराधिक रिकॉर्ड विभिन्न थानों में दर्ज हैं, लेकिन पुलिस मात्र कागजी कार्रवाई के कारण इन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पाती है और यह जेल जाने के बाद कुछ ही दिनों में छूट कर बाहर आ जाते हैं.
शहर में जिस तरह से विभिन्न गेंग विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रही हैं, उससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि पहले पुलिस मुखबिर तंत्र पर सक्रिय थी और क्षेत्र के गुंडों के बारे में विभिन्न तरह की जानकारी पुलिस के हेड कांस्टेबल तक को रहती थी. शहर में अपराधिक घटनाओं को विभिन्न तरह के आपराधिक बदमाश अंजाम देते थे, तो संबंधित हेड कांस्टेबल उस अपराधी के बारे में पूरी जानकारी निकाल कर उसे गिरफ्तार कर लेते थे. यहां जो पहले पुलिस थी और जो अब पुलिस है. दोनों में ही काफी अंतर आ चुका है. आज कुख्यात बदमाश विभिन्न तरह की आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं, लेकिन उनका कुछ नहीं होता. ऐसे में यदि पुलिस को अपने ढर्रे को सुधारना है और अपराधियों पर नकेल कसना है, तो एक बार फिर पुराने ढर्रे पर ही पुलिस को लौटना होगा.
राजनेताओं का सरक्षण
बता दें कि शहर में जो भी गैंग सक्रिय हैं वह किसी ना किसी राजनेता से जुड़े हुए हैं. एक आरोप ये भी है कि युवराज उस्ताद गैंग बीजेपी के एक दिग्गज नेता से जुड़ा हुआ है. जिसके कारण पुलिस गैंग से जुड़े हुए लोगों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाती है. एक यही गैंग नहीं, बल्कि और भी कई गैंग हैं, जो किसी न किसी पार्टी से जुड़े हुए हैं. शहर में विभिन्न तरह के व्यापार बड़े स्तर पर किए जाते हैं. यहां सराफा बाजार के साथ ही प्रॉपर्टी व्यापार भी धड़ल्ले से चलता है, यही कारण है कि अपराधिक किस्म के लोग भी इन व्यापारियों से जुड़ जाते हैं. और फिर व्यापारियों से मोटी रकम कमाने के लिए लगातार उन्हें परेशान करते हैं.
नहीं बख्शे जाएंगे अपराधी
वहीं, इंदौर शहर में जिस तरह से आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं, उसको देखते हुए प्रदेश सरकार भी काफी सख्त रुख अख्तियार कर चुकी है. प्रदेश के गृहमंत्री एवं इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, और जिस तरह से शराब कारोबारियों ने इंदौर शहर में दिनदहाड़े अन्य शराब कारोबारी पर हमला किया है, उन आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. तो वहीं इस पूरे घटनाक्रम में जो भी लोग जुड़े हुए हैं.
स्वच्छता और अपराध में पहले नंबर पर इंदौर
इंदौर की बात की जाए तो इंदौर नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में भी काफी सुर्खियों में बना हुआ है. बता दें शहर में विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओं के कारण काफी सुर्खियों में बना रहता है. नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में इंदौर में छेड़छाड़ महिला संबंधी अपराध रेप व अन्य घटनाओं में पहले पायदान पर है. तो वहीं अपराध सहित अन्य घटनाओं में भी इंदौर नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में पहले पायदान पर मौजूद है. फिलहाल, आने वाले दिनों में यदि यही माफिया सक्रिय रहे तो निश्चित तौर पर अन्य आपराधिक घटनाओं में भी इंदौर शहर पहले पायदान पर रहेगा.
सरकार के एक्शन का इंतजार
फिलहाल, अब देखना होगा कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में एक बार पर विभिन्न गिरोह के द्वारा अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. उसको देखते हुए प्रदेश सरकार इन संगठित आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोहों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करती है.