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यहां होली पर लगता है 'पाकिस्तानी मिठाई' का बाजार, कैसे त्योहार का हिस्सा बना 'सिंधी घेवर' - एमपी हिंदी न्यूज

घेवर भारत में खूब पसंद की जाने वाली मिठाईयों में से एक है. होली का त्योहार तो घेवर के बिना अधूरा माना जाता है. घेवर खाने में ज‍ितना मजेदार लगता है, इसका इतिहास भी काफी रोचक है. कम ही लोगों को मालूम होगा कि घेवर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मिठाई है. सिंध प्रांत से सिंधी समुदाय के जो लोग आजादी के बाद भारत आकर बस गए उनके साथ यह परंपरा भी भारत में त्योहार का हिस्सा बन गई. इंदौर में होली के अवसर पर सिंधी घेवर का बाजार भी लगता है, जहां बड़ी तादाद में लोग इसे खरीदने आते हैं. पढ़िए यह खास रिपोर्ट...

ghevar market is held in Indore
पाकिस्तानी मिठाई का बाजार
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Published : Mar 6, 2023, 7:04 PM IST

इंदौर। होली रंगों का त्योहार तो है ही, लेकिन इस पारंपरिक त्योहार में तरह-तरह के व्यंजनों और खास तरह की मिठाई की मिठास भी घुली हुई है (Ghevar market is held in Indore). ऐसी ही मिठाई है सिंधी घेवर. इंदौर के जयरामपुर कॉलोनी क्षेत्र में बाकायदा इस मिठाई के साथ होली की मिठाइयों का बाजार भी लगता है. जहां इस मिठाई को बनाने वाले हलवाई सैकड़ों क्विंटल मिठाई तैयार करके बेंचते हैं. यह मिठाई मेंदा के खमीर, चीनी, और घी से बनती है. साथ ही बेहद करारी और मीठी होती है.

भारतीय त्योहार का हिस्सा बना घेवर: सिंध प्रांत में होली के अवसर पर यह मिठाई तैयार होती थी. मान्यता है कि सिंधी घेवर को होली के अवसर पर बहन बेटियों को उपहार स्वरूप दिया जाता है. सिंध प्रांत से सिंधी समुदाय के जो लोग आजादी के बाद भारत आकर बस गए उनके साथ यह परंपरा भी भारत में त्योहार का हिस्सा बन गई. यह मिठाई सिंधी समुदाय के रेस्टोरेंट्स अथवा होटलों में तैयार होती है जो ₹150 से लेकर 250 रुपए किलो तक बिकती है. इंदौर में होली के अवसर पर इस मिठाई का पूरा बाजार लगता है. यहां ग्राहक अच्छी तादात में पाकिस्तानी मिठाई खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं.

इंदौर में लगता है घेवर का बाजार: पाकिस्तान की यह मिठाई आज भी अपने खास तरह के स्वाद और त्योहार के लिए होली से लेकर रंग पंचमी तक तैयार होती है. घेवर को कई लोग घरों में भी बनाते हैं, लेकिन जिन घरों में यह मिठाई नहीं बनती, उनके लिए सिंधी मार्केट है न. यह मिठाई सिंधी समुदाय के रेस्टोरेंट्स अथवा होटलों में बनाई जाती है. इंदौर में ही लाखों की संख्या में बसे सिंधी परिवारों में यह मिठाई होली के अवसर पर जमकर बिकती है, जिसके लिए पूरा बाजार लगता है. वही सिंधी रहवासी क्षेत्रों में भी होटलों पर इन दिनों यही मिठाई तैयार होती नजर आ रही है.

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कैसे बनती है यह खास मिठाई: दरअसल सिंधी घेवर को बनाने के लिए मैदे और बेसन, दही, चीनी और शुद्ध घी की जरुरत पड़ती है. मैदे और बेसन के घोल को दही के साथ मिलाकर शुद्ध घी से भरी एक खास तरह की जाली में तला जाता है. इसे गोल आकार देने के लिए एक लोहे की रिंग का उपयोग भी किया जाता है. घी से तलने के बाद इसे जलेबी की तरह चाशनी में डुबोकर निकाल लिया जाता है, फिर उस पर ड्राई फ्रूट, चांदी के वर्क आदि की सजावट की जाती है.

इंदौर। होली रंगों का त्योहार तो है ही, लेकिन इस पारंपरिक त्योहार में तरह-तरह के व्यंजनों और खास तरह की मिठाई की मिठास भी घुली हुई है (Ghevar market is held in Indore). ऐसी ही मिठाई है सिंधी घेवर. इंदौर के जयरामपुर कॉलोनी क्षेत्र में बाकायदा इस मिठाई के साथ होली की मिठाइयों का बाजार भी लगता है. जहां इस मिठाई को बनाने वाले हलवाई सैकड़ों क्विंटल मिठाई तैयार करके बेंचते हैं. यह मिठाई मेंदा के खमीर, चीनी, और घी से बनती है. साथ ही बेहद करारी और मीठी होती है.

भारतीय त्योहार का हिस्सा बना घेवर: सिंध प्रांत में होली के अवसर पर यह मिठाई तैयार होती थी. मान्यता है कि सिंधी घेवर को होली के अवसर पर बहन बेटियों को उपहार स्वरूप दिया जाता है. सिंध प्रांत से सिंधी समुदाय के जो लोग आजादी के बाद भारत आकर बस गए उनके साथ यह परंपरा भी भारत में त्योहार का हिस्सा बन गई. यह मिठाई सिंधी समुदाय के रेस्टोरेंट्स अथवा होटलों में तैयार होती है जो ₹150 से लेकर 250 रुपए किलो तक बिकती है. इंदौर में होली के अवसर पर इस मिठाई का पूरा बाजार लगता है. यहां ग्राहक अच्छी तादात में पाकिस्तानी मिठाई खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं.

इंदौर में लगता है घेवर का बाजार: पाकिस्तान की यह मिठाई आज भी अपने खास तरह के स्वाद और त्योहार के लिए होली से लेकर रंग पंचमी तक तैयार होती है. घेवर को कई लोग घरों में भी बनाते हैं, लेकिन जिन घरों में यह मिठाई नहीं बनती, उनके लिए सिंधी मार्केट है न. यह मिठाई सिंधी समुदाय के रेस्टोरेंट्स अथवा होटलों में बनाई जाती है. इंदौर में ही लाखों की संख्या में बसे सिंधी परिवारों में यह मिठाई होली के अवसर पर जमकर बिकती है, जिसके लिए पूरा बाजार लगता है. वही सिंधी रहवासी क्षेत्रों में भी होटलों पर इन दिनों यही मिठाई तैयार होती नजर आ रही है.

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कैसे बनती है यह खास मिठाई: दरअसल सिंधी घेवर को बनाने के लिए मैदे और बेसन, दही, चीनी और शुद्ध घी की जरुरत पड़ती है. मैदे और बेसन के घोल को दही के साथ मिलाकर शुद्ध घी से भरी एक खास तरह की जाली में तला जाता है. इसे गोल आकार देने के लिए एक लोहे की रिंग का उपयोग भी किया जाता है. घी से तलने के बाद इसे जलेबी की तरह चाशनी में डुबोकर निकाल लिया जाता है, फिर उस पर ड्राई फ्रूट, चांदी के वर्क आदि की सजावट की जाती है.

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