इंदौर। 2018 में तुलसीराम सिलावट के चुनाव को रद करने के लिए दो याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. लेकिन इसी दौरान तुलसीराम सिलावट बीजेपी में शामिल हो गए और एक बार फिर उपचुनाव के मैदान में है. सिलावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली. जब यह पूरा मामला हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष आया है, तो एक याचिका पर फिर सुनवाई का निर्णय लिया गया है.
2018 के चुनाव में मंत्री तुलसीराम सिलावट के द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष कुछ जानकारियां प्रस्तुत की गई थीं. जिनके सही नहीं होने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने तुससीराम सिलावट का निर्वाचन रद करने की मांग की थी. एक याचिका बीजेपी नेता राजेश सोनकर व एक अन्य याचिका राहुल सिलावट के द्वारा इंदौर खंडपीठ में लगाई गई थी. वहीं इस पूरे मामले में इंदौर खंडपीठ में सुनवाई चल ही रही थी कि, तुलसीराम सिलावट ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. जिन दो याचिकाकर्ताओं ने इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका लगाई थी, उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली, लेकिन जैसे ही यह पूरा मामला इंदौर खंडपीठ के समक्ष पहुंचा, तो पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए एक फरमान निकाला गया कि, राहुल सिलावट की जगह यदि कोई विधानसभा क्षेत्र का व्यक्ति आपत्ति लेता है, तो सुनवाई की जाएगी.
इस पूरे मामले में सांवेर विधानसभा में रहने वाले पवन सिंह याचिकाकर्ता बन गए हैं. अब पवन सिंह इंदौर खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होंगे और पवन सिंह की याचिका पर आगे सुनवाई की जाएगी. जिससे तुलसीराम सिलावट की मुश्किलें फिर से बढ़ना शुरू हो सकती हैं.