इंदौर। रामनवमी के दिन इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी की स्लैब गिर जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका इंदौर हाईकोर्ट में लगी हुई है. जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई में सभी जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा गया है.
बेलेश्वर मंदिर हादसे पर याचिका दायर: बता दें पिछले दिनों इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के पटेल नगर में बेलेश्वर महादेव मंदिर के अंदर मौजूद बावड़ी की स्लैब ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में प्रशासन ने जांच की बात कही थी. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दयाल व पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने एक याचिका दायर की थी. कोर्ट में अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग मामलों को लेकर जनहित याचिका लगाई गई थी, लेकिन इस पूरे मामले में एक जनहित याचिका जो पूर्व पार्षद दिलीप कौशल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दयाल द्वारा लगाई गई थी. उस याचिका में कई गंभीर आरोप भी जिम्मेदारों पर लगाए गए. मामले में मजिस्ट्रेट जांच भी निरपेक्ष नहीं होने के आरोप लगाए गए थे.
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कोर्ट ने मांगा जवाब: इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दलाल ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में यह भी कहा कि मुझे मुआवजे, सीबीआई जांच या अन्य ऐसे किसी बिंदु को लेकर कुछ नहीं कहना है, मुद्दे की बात है कि इंदौर की इस घटना के लिए जिम्मेदारी कौन लेगा. जिम्मेदारों को क्या सजा मिलेगी. उन्होंने कोर्ट के समक्ष ही यह भी कहा कि बावड़ी को जानबूझकर बाद में तोड़ा गया, क्योंकि बावड़ी मूल रूप से सूखी थी, लेकिन वहां निगम ने सीवरेज व अन्य पाइप लाइन डाल दी थी जो अंदर ही अंदर डली हुई थी. इसके चलते यहां 30 फीट गंदा पानी जो गैस के कारण जहरीला और केमिकल युक्त हो गया था. उसमें गाद जम गई थी. इसी के कारण उन 36 लोगों की जान गई थी. इसलिए घटना के बाद सभी ने एकजुट होकर उसे तोड़ दिया और सारे सबूत खत्म कर दिए. हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, कलेक्टर, निगमायुक्त, अपर कलेक्टर और मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.