इंदौर। जिले के गौतमपुरा थाना क्षेत्र में सहित पिछले दिनों राम मंदिर मंदिर निर्माण को लेकर निकाली गई वाहन रैली के दौरान अलग-अलग जगहों पर दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे, और उस समय इस पूरे मामले में सांप्रदायिक रूप ले लिया था. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई थी. उस याचिका पर सोमवार को इंदौर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले में लगाई थी याचिका
बता दें कि पिछले साल दिसंबर के महीने में राम मंदिर निर्माण को लेकर इंदौर, उज्जैन के साथ ही पूरे प्रदेश में वाहन रैलियों का आयोजन किया गया था. जिसके कारण उज्जैन मंदसौर और इंदौर में सांप्रदायिक घटनाएं सामने आई थी. इंदौर के गौतमपुरा थाना क्षेत्र के चंदन खेड़ी में जब हिंदूवादी संगठनों के द्वारा रैली निकाली जा रही थी तो उस रैली पर वहां पर मौजूद अल्पसंख्यक समाज ने पथराव कर दिया था. वहीं इस दौरान जमकर विवाद से संबंधित वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. उस याचिका पर सोमवार को इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
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दिग्विजय सिंह ने लगाई थी याचिका
जिस तरह से मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सांप्रदायिक घटना सामने आई थी. उस दौरान दिग्विजय सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक के साथ ही अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर सांप्रदायिक घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया गया, इसकी जानकारी मांगी गई थी. लेकिन दिग्विजय सिंह के पत्र को लेकर अधिकारियों ने किस तरह की कोई जानकारी नहीं दी. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में घटनाओं से संबंधित विभिन्न तरह के वीडियो और फोटो के माध्यम से एक याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने भी इस पूरे मामले में राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब देने की बात कही है.