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अब सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी ग्राम पंचायतें, एक ही छत के नीचे मिलेगी हर जानकारी

जिले की सभी पंचायतों में अब सचिवालय की तर्ज पर काम किया जाएगा, जिसके तहत सचिवों के लिए साप्ताहिक जॉब चार्ट तैयार किया जाएगा. जिससे गांव के लोगों को एक ही छत के नीचे सारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी.

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Published : Aug 19, 2019, 10:23 PM IST

सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी ग्राम पंचायतें

इंदौर। ग्राम पंचायतें अब सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी, यहां सभी कामों का समय निर्धारित होगा. अधिकारियों के मिलने से लेकर उनके कामकाज का समय भी निर्धारित होगा. पंचायतों में सचिव ग्राम रोजगार सहायक और पटवारियों के बैठने का समय निर्धारित किया जा रहा है, इसके लिए पंचायतों में नियुक्त सचिवों के लिए साप्ताहिक जॉब चार्ट तैयार किया जाएगा. सचिवालय की तर्ज पर ग्रामीण स्तरीय सभी अधिकारी, कर्मचारी पंचायतों में एक निश्चित समय और तिथि पर जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. 45 दिनों में सभी ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत बनाया जाएगा.

सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी ग्राम पंचायतें
ग्राम पंचायतों में आधुनिक कंप्यूटर के साथ इंटरनेट कनेक्शन आदि लगाए जाएंगे, जिससे गांव वालों को पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र सचिव द्वारा ग्राम पंचायत से ही जारी किए जाएंगे, जबकि ग्राम पंचायत में आने वाली शिकायतों को सरकार द्वारा तैयार किए गए आकांक्षा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा.जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने बताया कि गांव की जनता को एक ही छत के नीचे सारी योजनाओं की जानकारी मिले और उनकी समस्याओं का निदान हो सके, इसके लिए ये सब किया जा रहा है. हर मंगलवार को गांव वालों को पंचायत में ही सचिव पटवारी व अन्य विभागों के अधिकारी अपनी सेवाएं देंगे और आने वाली शिकायतों का निराकरण भी करेंगे.ये व्यवस्था मध्यप्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 86 के तहत लागू की जा रही है, जिसके चलते जनता को अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी. गांव वालों को छोटे-छोटे कामों के लिए अब जिला मुख्यालय और जनपद पंचायत मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे.

इंदौर। ग्राम पंचायतें अब सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी, यहां सभी कामों का समय निर्धारित होगा. अधिकारियों के मिलने से लेकर उनके कामकाज का समय भी निर्धारित होगा. पंचायतों में सचिव ग्राम रोजगार सहायक और पटवारियों के बैठने का समय निर्धारित किया जा रहा है, इसके लिए पंचायतों में नियुक्त सचिवों के लिए साप्ताहिक जॉब चार्ट तैयार किया जाएगा. सचिवालय की तर्ज पर ग्रामीण स्तरीय सभी अधिकारी, कर्मचारी पंचायतों में एक निश्चित समय और तिथि पर जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. 45 दिनों में सभी ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत बनाया जाएगा.

सचिवालय की तर्ज पर काम करेंगी ग्राम पंचायतें
ग्राम पंचायतों में आधुनिक कंप्यूटर के साथ इंटरनेट कनेक्शन आदि लगाए जाएंगे, जिससे गांव वालों को पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र सचिव द्वारा ग्राम पंचायत से ही जारी किए जाएंगे, जबकि ग्राम पंचायत में आने वाली शिकायतों को सरकार द्वारा तैयार किए गए आकांक्षा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा.जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने बताया कि गांव की जनता को एक ही छत के नीचे सारी योजनाओं की जानकारी मिले और उनकी समस्याओं का निदान हो सके, इसके लिए ये सब किया जा रहा है. हर मंगलवार को गांव वालों को पंचायत में ही सचिव पटवारी व अन्य विभागों के अधिकारी अपनी सेवाएं देंगे और आने वाली शिकायतों का निराकरण भी करेंगे.ये व्यवस्था मध्यप्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 86 के तहत लागू की जा रही है, जिसके चलते जनता को अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी. गांव वालों को छोटे-छोटे कामों के लिए अब जिला मुख्यालय और जनपद पंचायत मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे.
Intro:इंदौर जिले की ग्राम पंचायतें अब सचिवालय की तर्ज पर काम करेगी यहां सभी कामों का समय निर्धारित होगा अधिकारियों के मिलने से लेकर उनके काम करने का समय भी निर्धारित होगा सुनकर थोड़ा अचरज होता है कि ग्राम पंचायत सचिवालय की तर्ज पर काम करेगी पर यह सही है इंदौर जिले की ग्राम पंचायतें ग्राम सचिवालय के रूप में काम करेगी इसकी शुरुआत जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है


Body:ग्राम पंचायतों में सचिव ग्राम रोजगार सहायक और पटवारियों के बैठने का समय निर्धारित किया जा रहा है वहीं ग्राम पंचायतों में नियुक्त सचिवों के लिए साप्ताहिक जॉब चार्ट तैयार किया जा रहा है जिसके अनुसार पंचायतों में काम किए जाएंगे सचिवालय की तर्ज पर ग्रामीण स्तरीय समस्त अधिकारी कर्मचारी पंचायतों में एक निश्चित समय और तिथि पर जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का हल करेंगे वहीं जिले में आने वाले 45 दिनों में सभी ग्राम पंचायतों को ईपंचायत बनाया जाएगा जिसके तहत उन में ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन कंप्यूटर आदि लगाए जाएंगे अब तक ग्रामीणों को पेंशन जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता था पर अब जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र सचिव द्वारा ग्राम पंचायत से ही जारी किए जाएंगे वहीं ग्राम पंचायत में आने वाली शिकायतों को सरकार द्वारा तैयार किए गए आकांक्षा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा


Conclusion:जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने बताया कि ग्रामीण जनता को एक ही छत के नीचे सारी योजनाओं की जानकारी मिले और उनकी समस्याओं का निदान हो सके इसके लिए यह किया जा रहा है वहीं हर मंगलवार ग्रामीण जनों को ग्राम पंचायत में ही ग्राम पंचायत सचिव पटवारी व अन्य विभागों के अधिकारी अपनी सेवाएं देंगे और आने वाली शिकायतों का निराकरण भी करेंगे यह व्यवस्था मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 86 के तहत लागू की जा रही है जिसके चलते ग्रामीण जनता को अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही मूलभूत सुविधाएं मिलेगी ग्रामीणों को छोटे मोटे कामों के लिए अब जिला मुख्यालय और जनपद पंचायत मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे

बाइट नेहा मीणा जिला पंचायत सीईओ
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