इंदौर। भू माफियाओं के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में पिछले दिनों जब भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की थी, तो बाणगंगा पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ विभिन्न तरह के प्रकरण दर्ज किए थे और वहीं पूरे मामले में भू माफियाओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भू-माफियाओं को राहत दे दी थी, लेकिन इस पूरे मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और आने वाले दिनों में अब सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे मामले की सुनवाई होगी.
पिछले दिनों इंदौर की बाणगंगा पुलिस ने कालिंदी गोल्ड टाउनशिप के मामले में भू-माफिया निलेश पवन और सोना अजमेरा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस ने उनके पास से एक डायरी में हिसाब की कुछ डायरी अभी जब की थी. इसी मामले को लेकर भू माफिया ने इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और याचिका के माध्यम से यह गुहार लगाई कि पूरे मामले में पुलिस ने गलत कार्रवाई की है, अथवा इस पूरे मामले में उन्हें जमानत दी जाए, वह केस को निरस्त किया जाए और इंदौर हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए यह कहा कि डायरी में हिसाब रखना गलत बात नहीं है अतः यह कहते हुए उन्हें राहत दे दी थी लेकिन अब इस पूरे मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करेगी और वहां पर विभिन्न तरह के पक्ष रखेगी.
कच्ची डायरी में रखा हिसाब गलत
बता दें सरकार की ओर से तर्क रखे जाएंगे की कच्ची डायरी में लिखा गया हिसाब धोखाधड़ी की नियत से ही किया जाता है और इसके माध्यम से धोखाधड़ी की जाती है. वहीं इंदौर हाई कोर्ट ने यह तर्क दिया है कि डायरी में लिखा हुआ है साहब गलत नहीं है, सामान्य तौर पर व्यक्ति कच्ची डायरी में हिसाब लिख लेता है यह कोई अपराध नहीं है.
फिलहाल अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में जिस तरह से इंदौर हाई कोर्ट ने भू-माफियाओं को राहत दी है उसके बाद आप सुप्रीम कोर्ट किस तरह से इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए किस तरह से अपना फैसला देती है.