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MP Girls Missing: एमपी से 2 लाख लाडली बहना और बेटियां गायब, कांग्रेस ने साधा BJP पर निशाना, चुप्पी साधे रहे केंद्रीय मंत्री तोमर

देश में महिलाओ और लड़कियों के गायब होने के चौकाने वाले मामले सामने आए हैं. देश भर से करीब 13,13000 महिलाएं गायब हैं. जिसमें टॉप पर मध्यप्रदेश है. वहीं इस मामले को लेकर एमपी कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. जबकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुप्पी साधे रहे.

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Published : Jul 31, 2023, 8:46 PM IST

MP Girls Missing
एमपी से लड़कियां गायब
कांग्रेस का सरकार पर निशाना

इंदौर। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लाडली लक्ष्मी और लाडली बहनों की हितैषी होने के भले तमाम दावे करे, लेकिन बावजूद इसके बीते 3 सालों में मध्य प्रदेश महिला और नाबालिग लड़कियों के लिए असुरक्षित राज्य साबित हुआ है. बीते सप्ताह केंद्र सरकार ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जो आंकड़े जारी किए हैं. उसमें देश भर से करीब 13,13000 महिलाएं गायब हैं. जिनमें सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश से गायब महिलाओं और बेटियों की है. जिनकी संख्या करीब दो लाख है इनमें भी 38234 लड़कियां तो नाबालिग हैं, जिनका बीते 3 सालों से कोई पता ठिकाना नहीं मिल सका है.

महिला अपराध के मामले में एमपी नंबर वन: दरअसल, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रतिवर्ष अपराधों को लेकर जारी किए जाने वाले आंकड़े और रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने जो रिपोर्ट पटल पर प्रस्तुत की है. उसमें महिला अपराध के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन पर है. जहां हर साल हजारों की तादाद में महिलाएं और बेटियां गायब हो रही हैं. बीते 3 साल के जो आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए हैं. उसके अनुसार 2019 से लेकर 2021 के बीच 18 वर्ष से अधिक आयु की 1,60,100 महिलाएं गायब हैं. जबकि 38234 नाबालिग लड़कियां गायब हैं. जिनका बीते 3 सालों में कोई पता नहीं चल सका है. यही स्थिति देशभर में है, जहां 18 वर्ष से अधिक आयु की 10 लाख 61 हजार 668 महिलाएं गायब हैं. इनमें 18 वर्ष से कम आयु वर्ग की 2,51,630 लड़कियां हैं.

कांग्रेस ने साधा निशाना: चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वाधिक महिलाएं और लड़कियां गायब होने के मामले में सबसे खराब स्थिति मध्यप्रदेश की है. जबकि दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्य हैं. इधर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद अब कांग्रेस ने भी इस मामले में शिवराज सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाया है. राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा बताती हैं कि "बेटियों और महिलाओं के मामले में मध्य प्रदेश बिल्कुल भी सुरक्षित राज्य नहीं है. बलात्कार और गैंगरेप के मामले में भी मध्य प्रदेश नंबर वन है, स्थिति यह है कि कई मामलों में तो ना तो एफआईआर होती है ना ही कोई कार्रवाई जो महिलाएं गायब हैं. उनकी खोजबीन कर पाने की स्थिति में ना तो राज्य की पुलिस है, ना ही सरकार की कोई इच्छा शक्ति जिससे महिलाएं और बेटी के प्रति शिवराज सरकार का असंवेदनशील चेहरा उजागर होता है. यह राजनीति का मामला नहीं है लेकिन खुद नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि जिस राज्य में महिला और बेटियों को लाडली का दर्जा दिया जाता है. उस राज्य में महिला अपराधों को लेकर राज्य सरकार की नीति और नीयत में कितना अंतर है."

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चुप्पी साधे रहे केंद्रीय मंत्री

गायब हुईं 13 लाख लड़कियों के ममाले पर साधी चुप्पी: वहीं मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से गायब हुईं 13 लाख लड़कियों के मामले पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चुप्पी साध ली. उनके द्वारा इस ममाले पर कोई जवाब नहीं दिया गया. बता दें की केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पिछले सप्ताह पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में 2019 से 2021 के बीच 18 साल से अधिक उम्र की 10,61,648 महिलाएं लापता हुईं. जबकि इसी अवधि में देश से 18 साल उम्र की 2,51,430 लड़कियां गायब हुईं हैं. सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि 2019-21 के बीच 13 लाख से अधिक लड़कियां गायब हुई हैं. सबसे अधिक लड़कियां मध्य प्रदेश से गायब हुई हैं, जबकि दूसरे स्थान पर प.बंगाल है.

कांग्रेस का सरकार पर निशाना

इंदौर। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लाडली लक्ष्मी और लाडली बहनों की हितैषी होने के भले तमाम दावे करे, लेकिन बावजूद इसके बीते 3 सालों में मध्य प्रदेश महिला और नाबालिग लड़कियों के लिए असुरक्षित राज्य साबित हुआ है. बीते सप्ताह केंद्र सरकार ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जो आंकड़े जारी किए हैं. उसमें देश भर से करीब 13,13000 महिलाएं गायब हैं. जिनमें सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश से गायब महिलाओं और बेटियों की है. जिनकी संख्या करीब दो लाख है इनमें भी 38234 लड़कियां तो नाबालिग हैं, जिनका बीते 3 सालों से कोई पता ठिकाना नहीं मिल सका है.

महिला अपराध के मामले में एमपी नंबर वन: दरअसल, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रतिवर्ष अपराधों को लेकर जारी किए जाने वाले आंकड़े और रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने जो रिपोर्ट पटल पर प्रस्तुत की है. उसमें महिला अपराध के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन पर है. जहां हर साल हजारों की तादाद में महिलाएं और बेटियां गायब हो रही हैं. बीते 3 साल के जो आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए हैं. उसके अनुसार 2019 से लेकर 2021 के बीच 18 वर्ष से अधिक आयु की 1,60,100 महिलाएं गायब हैं. जबकि 38234 नाबालिग लड़कियां गायब हैं. जिनका बीते 3 सालों में कोई पता नहीं चल सका है. यही स्थिति देशभर में है, जहां 18 वर्ष से अधिक आयु की 10 लाख 61 हजार 668 महिलाएं गायब हैं. इनमें 18 वर्ष से कम आयु वर्ग की 2,51,630 लड़कियां हैं.

कांग्रेस ने साधा निशाना: चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वाधिक महिलाएं और लड़कियां गायब होने के मामले में सबसे खराब स्थिति मध्यप्रदेश की है. जबकि दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्य हैं. इधर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद अब कांग्रेस ने भी इस मामले में शिवराज सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाया है. राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा बताती हैं कि "बेटियों और महिलाओं के मामले में मध्य प्रदेश बिल्कुल भी सुरक्षित राज्य नहीं है. बलात्कार और गैंगरेप के मामले में भी मध्य प्रदेश नंबर वन है, स्थिति यह है कि कई मामलों में तो ना तो एफआईआर होती है ना ही कोई कार्रवाई जो महिलाएं गायब हैं. उनकी खोजबीन कर पाने की स्थिति में ना तो राज्य की पुलिस है, ना ही सरकार की कोई इच्छा शक्ति जिससे महिलाएं और बेटी के प्रति शिवराज सरकार का असंवेदनशील चेहरा उजागर होता है. यह राजनीति का मामला नहीं है लेकिन खुद नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि जिस राज्य में महिला और बेटियों को लाडली का दर्जा दिया जाता है. उस राज्य में महिला अपराधों को लेकर राज्य सरकार की नीति और नीयत में कितना अंतर है."

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चुप्पी साधे रहे केंद्रीय मंत्री

गायब हुईं 13 लाख लड़कियों के ममाले पर साधी चुप्पी: वहीं मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से गायब हुईं 13 लाख लड़कियों के मामले पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चुप्पी साध ली. उनके द्वारा इस ममाले पर कोई जवाब नहीं दिया गया. बता दें की केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पिछले सप्ताह पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में 2019 से 2021 के बीच 18 साल से अधिक उम्र की 10,61,648 महिलाएं लापता हुईं. जबकि इसी अवधि में देश से 18 साल उम्र की 2,51,430 लड़कियां गायब हुईं हैं. सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि 2019-21 के बीच 13 लाख से अधिक लड़कियां गायब हुई हैं. सबसे अधिक लड़कियां मध्य प्रदेश से गायब हुई हैं, जबकि दूसरे स्थान पर प.बंगाल है.

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