कांतिलाल भूरिया के बयान पर गरमाई सियासत, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया निंदनीय - अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हो रहे धन संग्रह पर कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने एक विवादित बयान दिया था. इसी विवादित बयान को पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने निंदनीय बताया है.
इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने राम मंदिर निर्माण के लिए हो रहे धन संग्रह को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद से ही बवाल मचा हुआ है. न सिर्फ विपक्ष उनके बयान की निंदा कर रहा है, बल्कि अब तो कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कांतिलाल भूरिया के बयान को निंदनीय बताया है. उनका कहना है कि राम सब की आस्था का केंद्र है. किसी भी नेता को गलत बयानबाजी से न सिर्फ बचना चाहिए, बल्कि इतनी हल्की राजनीति भी नहीं करनी चाहिए.
कांतिलाल भूरिया के बयान को बताया गलत
केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कांतिलाल भूरिया के बयान को निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को गलत बयानबाजी से न सिर्फ बचना चाहिए, बल्कि इतनी हल्की राजनीति भी नहीं करनी चाहिए. हालांकि हाल ही में भोपाल में फर्जी रसीद बनाकर चंदा वसूलने की एक घटना को लेकर उन्होंने कहा कि आस्था के नाम पर गलत तरह से चंदा एकठ्ठा किया दा रहा था, जो गलत है.
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बता दें कि, कांतिलाल भूरिया ने जिस तेजी के साथ चन्दे के पैसे से शराब पीने की बात कही थी, उतनी ही तेजी से वे उसे बदलकर पहले के समय में एकत्रित राशि का हिसाब मांगते दिखाई दिए, लेकिन उनका ये बयान अब भी उन्हें विवादों में रखे हुए हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा कि भाजपा को अकेले राम मंदिर निर्माण का श्रेय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बाबरी मस्जिद का ताला खुलवा कर राम मंदिर बनाने की नींव कांग्रेस सरकार में ही रखी गई थी.
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मोदी सरकार की तुलना की इंदिरा गांधी की सरकार से
असलम शेर खान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ठीक उसी तरह आगे बढ़ रही है. जैसे इंदिरा गांधी की सरकार आगे बढ़ी थी. पूर्ण बहुमत के साथ आने वाली इंदिरा सरकार का जो हश्र 1977 में हुआ था. वहीं हश्र पूर्ण बहुमत के साथ आने वाली मोदी सरकार का भी हो सकता है, क्योंकि मोदी सरकार अब हिटलर शाही की तरफ आगे बढ़ चुकी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसान आंदोलन चल रहा है. इस मसले को लेकर सरकार का जो व्यवहार नजर आ रहा है, वह शर्मनाक है. देश के किसानों को राजधानी दिल्ली में आने से भी रोका जा रहा है. उनकी राह में कीले बिछाए जा रहे है. चीन की दीवार जैसी दीवारें खड़ी की जा रही है. पुलिस फोर्स लगाकर किसानों को बॉर्डर पर रोका जा रहा है. सरकार को याद रखना चाहिए कि भारत एक गणतंत्र राज्य है. यहां जनता अपने गुस्से का जवाब चुनावों में देती है. अपने फैसलों की वजह से इंदिरा सरकार की तरह मोदी सरकार को भी मुंह की खानी पड़ सकती है. वहीं उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री की चिंता सही है. सिखों के साथ जाट कम्युनिटी और अब पूरे नॉर्थ इंडिया में किसान इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं. अगर यहां अशांति होती है, तो पूरे देश पर इसका प्रभाव नजर आ सकता है.