इंदौर। मध्य प्रदेश में वनों के विकास का दावा करने वाली शिवराज सरकार अब खुद मान रही है कि एमपी में तेजी से वन क्षेत्र घट रहे हैं. इतना ही नहीं वन क्षेत्र के लगातार घटने से वन्य प्राणी अब आबादी की ओर रुख कर रहे हैं. इसके कारण वन्य प्राणी और आम लोगों का आमना-सामना हो रहा है. मंगलवार को इंदौर में वन मंत्री विजय शाह ने स्वीकारा की वन्य प्राणियों द्वारा लोगों पर हमले की घटनाएं, वन क्षेत्र के लगातार घटने का परिणाम है.
वन्य प्राणी के गांव जाने की वजह: सबसे बड़े वन क्षेत्र वाले राज्य मध्य प्रदेश में 77482 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र बचा है, जो हर 5 साल में करीब 40 वर्ग किलोमीटर की दर से घट रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक सघन और अत्यंत सघन वन क्षेत्र की दोनों श्रेणियों में क्रमशः 11 और 132 वर्ग किलोमीटर तक वनों की कटाई जारी है. वन मंत्री विजय शाह के मुताबिक वनों के तेजी से घटने से वन्य प्राणी शहरों की आबादी की ओर रुख कर रहे हैं. धीरे-धीरे इतने ज्यादा जानवर हो रहे हैं कि अब आए दिन कहीं न कहीं आम आदमी के साथ वन प्राणियों का द्वंद ज्यादा देखने को मिल रहा है. इसकी एक महत्वपूर्ण वजह वन मंत्री ने वनों की कटाई होना बताया है. उन्होंने कहा कि "बड़ी तादात में जंगल कट रहे हैं और लोग जंगल की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके कारण वन्य प्राणी गांवों में घुस रहे हैं."
महू के गांव में दहशत का माहौल: रविवार को महू के गांव मेलण्डी के चरवाहे की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही संबंधित बाघ की पड़ताल की जा रही है. वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि "भविष्य में ऐसी दुर्घटना न हो इसलिए वन विभाग की 4 टीमें 24 घंटे उस क्षेत्र में सर्चिंग कर रही हैं. इसी को लेकर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक भी ली गई. इस मीटिंग में कार्यरत टीमों की मूवमेंट दिन में कहां और रात में कहां होगी उसका पूरा निरीक्षण किया है. बैठक में जानकारी ली गई कि बाघ वाले क्षेत्र में कितने पिंजरे लगाए गए हैं." वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि "जैसे बाघ का टीम को मूवमेंट मिलता है, उसे रेस्क्यू कर नेशनल पार्क में ले जाएंगे. हालांकि, पिछले 45 दिनों से वन विभाग की टीम दिन रात महू और उससे लगे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सर्चिंग कर रही है. लेकिन अभी तक वन विभाग की टीम को बाघ की मूवमेंट की जानकारी नहीं मिल सकी है. इससे महू तहसील के कई गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है."