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भारत में रहकर भारतीय महिलाओं को लूटता था विदेशी ठग, गिरफ्तार

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Published : Apr 10, 2021, 2:43 AM IST

राज्य साइबर सेल ने एक विदेशी युवक को गिरफ्तार किया है. पिछले दिनों एक महिला ने राज्य साइबर सेल को शिकायत की थी कि एक विदेशी युवक ने उसके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती की और फिर महंगे विदेशी गिफ्ट देने के नाम पर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया. इस पूरे मामले में पुलिस ने विदेशी युवक को गिरफ्तार कर लिया है.

State cyber cell
राज्य साइबर सेल

इंदौर। राज्य साइबर सेल को पिछले दिनों मालवा मिल क्षेत्र में रहने वाली एक 62 वर्षीय महिला ने शिकायत की थी कि विदेशी युवक जिसने अपना नाम डेविस लारेंस बताया उसने फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से दोस्ती कर चैटिंग की. चैटिंग के दौरान फरियादी महिला का मोबाइल नंबर आरोपी ने प्राप्त कर विदेश से उपहार भेजने के नाम पर महिला से 31 लाख रुपए ठग लिए.

  • 31 लाख रुपए की ठगी

दरअसल धोखेबाज ने महिला से फेसबूक पर दोस्ती की. बातचित के दौरान आरोपी ने महिला का मोबाइल नंबर ले लिया. आरोपी ने महिला को एक करोड़ 95 लाख रुपए के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपहार देने की बात कही. उपहारों का पार्सल छुड़ाने के एवज में कस्टम अधिकारी बनकर पर फरियादी महिला से अलग-अलग बैंक के चार खातों में कुल 31 लाख 64 हजार रुपए जमा करवा लिए. आरोपी ने महिला से और पैसों का मांग की. महिला आरोपी के मंसूबे भाप गई. जिसके बाद महिला ने आरोपी की शिकायत पुलिस को कर दी.

  • आरोपी युवक गिरफ्तार

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने राज्य साइबर सेल के अधिकारियों की एक टीम बनाई और पूरे मामले में जांच पड़ताल की. जांच कर संदिग्ध मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर प्रकरण दर्ज किया गया. मामले में पुलिस ने दिल्ली में रहने वाले नाइजीरियन विदेशी युवक जिसका नाम विस्डम मूलत क़व्ररी है को गिरफ्तार कर लिया.

  • 2014 और 2017 में आया था भारत

आरोपी विजडम ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह वर्ष 2014 और 2017 में भारत बिजनेस वीजा पर आया था. वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से दिल्ली एनसीआर में रहकर इस ठगी के कार्य में सक्रिय हो गया. आरोपी अलग-अलग विदेशी फर्जी नामों से फेसबुक आईडी बनाकर विशेषकर भारतीय युवतियों और महिलाओं से चैटिंग कर उनको महंगे गिफ्ट का लालच देकर ठगी करता था. गिरोह के अन्य सदस्य कस्टम अधिकारी बनकर युवती और महिलाओं से पार्सल छुड़वाने के एवज में टेक्स और पेनल्टी के नाम पर रूपयो की डिमांड कर बैंक खाते व्हाट्सएप के जरिए मैसेज करते और रुपए ट्रांसफर करवाते थे.

पासपोर्ट विभाग का सिमिलर लिंक बनाकर ठगी, बेवसाइट को किया गया ब्लॉक

  • कमीशन भी देते थे आरोपी

पकड़े गए आरोपी ने बताया कि आरोपी अलग-अलग भारतीय बैंक खातों और मोबाइल नंबर प्राप्त करने के लिए एक मोटी रकम उपलब्ध करवाने वालों को दी जाती थी. जो लोग बैंक खाते वह फर्जी नामों से मोबाइल नंबर लेकर आरोपी को कोरियर के माध्यम से उसके बताए हुए पते पर भेज देते थे. जिसका कमीशन आरोपी उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर देता था.

  • पकड़े गए आरोपी का यह है ब्रेकग्राउंड

आरोपी विज़डम 25 साल का है और वह मूलत नाइजीरिया का रहने वाला है, लेकिन पिछले काफी दिनों से दिल्ली के एनक्लेव बुरारी में रह रहा था. उसका वीजा भी खत्म हो गया है. वह अवैध तरीके से भारत में रह रहा था. इसकी भी जानकारी राज्य साइबर सेल को जांच पड़ताल में हाथ लगी है. इसी के साथ पकड़े गए आरोपी के पास से राज्य साइबर सेल की टीम ने दो लैपटॉप, तीन पेन ड्राइव, 9 मोबाइल फोन, 8 सिम , दो डोंगल पासपोर्ट के साथ ही अलग-अलग बैंक खातों की आठ पासबुक जिसमें छह ग्वालियर ब्रांच की पासबुक शामिल है. इसी के साथ तीन एटीएम डेबिट कार्ड. वहीं आरोपी के पास से राज्य साइबर सेल की टीम ने 11 हजार रुपए नगद जब्त किए.

इंदौर। राज्य साइबर सेल को पिछले दिनों मालवा मिल क्षेत्र में रहने वाली एक 62 वर्षीय महिला ने शिकायत की थी कि विदेशी युवक जिसने अपना नाम डेविस लारेंस बताया उसने फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से दोस्ती कर चैटिंग की. चैटिंग के दौरान फरियादी महिला का मोबाइल नंबर आरोपी ने प्राप्त कर विदेश से उपहार भेजने के नाम पर महिला से 31 लाख रुपए ठग लिए.

  • 31 लाख रुपए की ठगी

दरअसल धोखेबाज ने महिला से फेसबूक पर दोस्ती की. बातचित के दौरान आरोपी ने महिला का मोबाइल नंबर ले लिया. आरोपी ने महिला को एक करोड़ 95 लाख रुपए के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपहार देने की बात कही. उपहारों का पार्सल छुड़ाने के एवज में कस्टम अधिकारी बनकर पर फरियादी महिला से अलग-अलग बैंक के चार खातों में कुल 31 लाख 64 हजार रुपए जमा करवा लिए. आरोपी ने महिला से और पैसों का मांग की. महिला आरोपी के मंसूबे भाप गई. जिसके बाद महिला ने आरोपी की शिकायत पुलिस को कर दी.

  • आरोपी युवक गिरफ्तार

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने राज्य साइबर सेल के अधिकारियों की एक टीम बनाई और पूरे मामले में जांच पड़ताल की. जांच कर संदिग्ध मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर प्रकरण दर्ज किया गया. मामले में पुलिस ने दिल्ली में रहने वाले नाइजीरियन विदेशी युवक जिसका नाम विस्डम मूलत क़व्ररी है को गिरफ्तार कर लिया.

  • 2014 और 2017 में आया था भारत

आरोपी विजडम ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह वर्ष 2014 और 2017 में भारत बिजनेस वीजा पर आया था. वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से दिल्ली एनसीआर में रहकर इस ठगी के कार्य में सक्रिय हो गया. आरोपी अलग-अलग विदेशी फर्जी नामों से फेसबुक आईडी बनाकर विशेषकर भारतीय युवतियों और महिलाओं से चैटिंग कर उनको महंगे गिफ्ट का लालच देकर ठगी करता था. गिरोह के अन्य सदस्य कस्टम अधिकारी बनकर युवती और महिलाओं से पार्सल छुड़वाने के एवज में टेक्स और पेनल्टी के नाम पर रूपयो की डिमांड कर बैंक खाते व्हाट्सएप के जरिए मैसेज करते और रुपए ट्रांसफर करवाते थे.

पासपोर्ट विभाग का सिमिलर लिंक बनाकर ठगी, बेवसाइट को किया गया ब्लॉक

  • कमीशन भी देते थे आरोपी

पकड़े गए आरोपी ने बताया कि आरोपी अलग-अलग भारतीय बैंक खातों और मोबाइल नंबर प्राप्त करने के लिए एक मोटी रकम उपलब्ध करवाने वालों को दी जाती थी. जो लोग बैंक खाते वह फर्जी नामों से मोबाइल नंबर लेकर आरोपी को कोरियर के माध्यम से उसके बताए हुए पते पर भेज देते थे. जिसका कमीशन आरोपी उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर देता था.

  • पकड़े गए आरोपी का यह है ब्रेकग्राउंड

आरोपी विज़डम 25 साल का है और वह मूलत नाइजीरिया का रहने वाला है, लेकिन पिछले काफी दिनों से दिल्ली के एनक्लेव बुरारी में रह रहा था. उसका वीजा भी खत्म हो गया है. वह अवैध तरीके से भारत में रह रहा था. इसकी भी जानकारी राज्य साइबर सेल को जांच पड़ताल में हाथ लगी है. इसी के साथ पकड़े गए आरोपी के पास से राज्य साइबर सेल की टीम ने दो लैपटॉप, तीन पेन ड्राइव, 9 मोबाइल फोन, 8 सिम , दो डोंगल पासपोर्ट के साथ ही अलग-अलग बैंक खातों की आठ पासबुक जिसमें छह ग्वालियर ब्रांच की पासबुक शामिल है. इसी के साथ तीन एटीएम डेबिट कार्ड. वहीं आरोपी के पास से राज्य साइबर सेल की टीम ने 11 हजार रुपए नगद जब्त किए.

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