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फ्लाइंग कार की टेस्ट उड़ान, 35 मिनट में पूरी की दो शहरों के बीच की दूरी

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Published : Jul 1, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 9:05 PM IST

एयरकार सामान्य गैसोलीन के एक बार फुलटैंक करने पर 600 मील यानी की 1,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. दावा किया जा रहा है कि टेकऑफ के बाद यह 105 मील प्रति घंटा यानी 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है.

flying car trial
उड़ने वाली कार का ट्रायल

हैदराबाद। ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक समय में इलेक्ट्रिक कारों को फ्यूचर माना जाता था, लेकिन अब ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने फ्यूचर को कुछ अलग नजर से देखता है. यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रिक कार की बात छोड़िए, अब उड़ने वाली कार की बात हो रही है. हाल ही में एयरकार के नाम से जाने जाने वाले एक हाइब्रिड विमान ने दो हवाई अड्डों के बीच अपनी पहली सफल उड़ान पूरी की है. यह अभी भी एक प्रोटोटाइप है. एयरकार के डिजाइनर, स्टीफन क्लेन ने स्लोवाकिया में नाइट्रा और ब्रातिस्लावा के बीच 35 मिनट की एक उड़ान भरी.

flying car trial
उड़ने वाली कार का ट्रायल

कार के जैसे दिखने वाले ढांचे को हवा में उड़ाना आसान बात नहीं है, इसके साथ ही उसका निर्माण ऐसा करना है कि उसे आसानी से सड़क पर भी चलाया जा सके. इसलिए इसे बनाना काफी मेहनत का काम है. इसके अंदर लगी मोटर पंखों को बाहर निकालती है और कार को उड़ाने भरने के लिए तैयार करती है. इस प्रक्रिया में 15 मिनट का समय लगता है. इतना ही समय इसके पंखों को बंद करने में भी लगता है.

flying car trial
उड़ने वाली कार का ट्रायल

क्लेन के अनुसार, एयरकार सामान्य गैसोलीन के एक टैंक पर 600 मील यानी की 1,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. दावा किया जा रहा है कि टेकऑफ के बाद यह 105 मील प्रति घंटा यानी 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है. बताया जा रहा है कि उड़ते समय यह 200 किलोग्राम से ज्यादा वजन नहीं उठा सकती है.

flying car trial
उड़ने वाली कार का ट्रायल

लगभग 2.3 मिलियन डॉलर की लागत से बनी एयरकार को इस मुकाम तक पहुंचने में दो साल लग गए हैं. फ्लाइंग कार विकसित करने के लिए स्थापित कंपनी क्लेन विजन ने मूल्य निर्धारण या इसे रिलीज करने की तारीख पर अभी कोई खुलासा नहीं किया है. अमेरिका में निजी विमानों में रुचि रखने वाले लोग ही इस कंपनी के निवेशक हैं.

हैदराबाद। ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक समय में इलेक्ट्रिक कारों को फ्यूचर माना जाता था, लेकिन अब ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने फ्यूचर को कुछ अलग नजर से देखता है. यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रिक कार की बात छोड़िए, अब उड़ने वाली कार की बात हो रही है. हाल ही में एयरकार के नाम से जाने जाने वाले एक हाइब्रिड विमान ने दो हवाई अड्डों के बीच अपनी पहली सफल उड़ान पूरी की है. यह अभी भी एक प्रोटोटाइप है. एयरकार के डिजाइनर, स्टीफन क्लेन ने स्लोवाकिया में नाइट्रा और ब्रातिस्लावा के बीच 35 मिनट की एक उड़ान भरी.

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उड़ने वाली कार का ट्रायल

कार के जैसे दिखने वाले ढांचे को हवा में उड़ाना आसान बात नहीं है, इसके साथ ही उसका निर्माण ऐसा करना है कि उसे आसानी से सड़क पर भी चलाया जा सके. इसलिए इसे बनाना काफी मेहनत का काम है. इसके अंदर लगी मोटर पंखों को बाहर निकालती है और कार को उड़ाने भरने के लिए तैयार करती है. इस प्रक्रिया में 15 मिनट का समय लगता है. इतना ही समय इसके पंखों को बंद करने में भी लगता है.

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उड़ने वाली कार का ट्रायल

क्लेन के अनुसार, एयरकार सामान्य गैसोलीन के एक टैंक पर 600 मील यानी की 1,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. दावा किया जा रहा है कि टेकऑफ के बाद यह 105 मील प्रति घंटा यानी 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है. बताया जा रहा है कि उड़ते समय यह 200 किलोग्राम से ज्यादा वजन नहीं उठा सकती है.

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उड़ने वाली कार का ट्रायल

लगभग 2.3 मिलियन डॉलर की लागत से बनी एयरकार को इस मुकाम तक पहुंचने में दो साल लग गए हैं. फ्लाइंग कार विकसित करने के लिए स्थापित कंपनी क्लेन विजन ने मूल्य निर्धारण या इसे रिलीज करने की तारीख पर अभी कोई खुलासा नहीं किया है. अमेरिका में निजी विमानों में रुचि रखने वाले लोग ही इस कंपनी के निवेशक हैं.

Last Updated : Jul 1, 2021, 9:05 PM IST
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