इंदौर। कोरोना संक्रमण और कोरोना कर्फ्यू के चलते शहर और गांव-गांव में पाबंदियां जारी हैं. वहीं किसानों की फसल भी नहीं बिक रही है. जिसके चलते अब किसान अपनी फसल को खपाने को मजबूर हैं. दरअसल कोरोना कर्फ्यू में मंडी बंद होने से देपालपुर से 12 किमी दूर चटवाड़ा गांव के किसान गोविंद चंदेल ने 4 बीघा खेत में लगी भिंडी की फसल भेड़ों को खिला दी, मंडी बंद होने पर खेतों में लगी सब्जियां खराब हो रही है, ऐसे में एक किसान ने 2 दिन पहले ट्रैक्टर से भिंडी की फसल को रौंद दिया, मंगलवार को राजस्थान के भेड़ पालक उधर से निकले तो उन्होंने भेड़ों को चरा दिया.
किसान गोविंद ने बताया कि 4 बीघा के खेत में प्रति बीघा 6 किलो भिंडी का बीज लगाया था 3,800 रुपए किलो के हिसाब से बीज के साथ ही खाद, बीज, हंकाई, जुताई में हजारों रुपया खर्च किया, लेकिन मैं 3 बार ही भिंडी तोड़कर मंडी भेज पाया और लाॅकडाउन लग गया, मंडिया बंद होने से भिंडी नहीं बिक रही थी इसलिए भिंडी तुड़वाने की मजदूरी देना भी मुश्किल हो रहा था इसलिए हंकाई कर फसल भेड़ों को खिला दी.
छिंदवाड़ा के किसानों पर कोरोना की मार! खेतों पर सड़ रही सब्जियों की फसल
किसानों ने बताया धनिया फसल की भी यही स्थिति है यह खेतों में खराब हो रहा है किसान नेता बबलू जाधव का कहना है कि तत्काल मंडी बंद करने का फैसला गलत है. मंडियों को जल्दी ही खोला जाना चाहिए, तो वहीं किसान आशीष शर्मा का कहना है कि अब मानसून भी दस्तक देने वाला है, बारिश हो उसके पहले किसान को अपने खेत को अगली फसल सोयाबीन के लिए तैयार भी करना है, अगर पुरानी फसल खेत में ही रह गई. तो बारिश से ये फसल तो खराब होगी ही, साथ ही सोयाबीन की फसल में भी नुकसान हो जाएगा.