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ईटीवी भारत की खबर का असर,वन विभाग ने जंगल की कटाई रोकने के लिए बनाया जांच दल

ईटीवी भारत ने जंगल कटाई के मुद्दे को लेकर शनिवार को चोरल के जंगलों में हो रहे सागौन के पेड़ों की कटाई के बारे में खबर उठाई थी. जिसके बाद से ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए. उन्होंने जांच दल तो बना दिए. लेकिन जांच दल के अधिकारियों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जिन जगहों पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची थी वहां पर जांच दल अभी तक नहीं पहुंच पाया है जिसके बाद अब प्रश्न निश्चित तौर पर खड़े हो रहे हैं कि वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं.

ईटीवी ने उठाया जंगल की कटाई का मुद्दा
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Published : Aug 4, 2019, 12:02 AM IST

इंदौर। ईटीवी भारत लगातार जंगल कटाई को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को अलर्ट करते आया है उसके बाद भी अधिकारियों ने किसी तरह की कोई सतर्कता नहीं अपनाई और एक बार फिर जंगल की कटाई के फुटेज कैमरे में कैद हो गए इसके बाद जब ईटीवी ने इस मुद्दे को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की तो कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ.लेकिन जब पूरे मामले को लेकर से खबर उठाई गई तो वन विभाग के आला अधिकारी सक्रिय हो गए और एक जांच दल गठित कर जंगलों में जांच के लिए भेज दिया.

ईटीवी ने उठाया जंगल की कटाई का मुद्दा

तकरीबन 15 सदस्यों के दल ने चोरल के जंगलों के नयापुरा , उमठ, राजपुरा के कक्ष 118 और 119 में दौरा किया. जांच दल को वन विभाग के अधिकारियों ने 2 दिन में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं. लेकिन जब वहां जांच दल पहुंचा तो जंगल की कटाई के सबूत ढूंढता रहा लेकिन वहां पर कुछ भी नहीं मिला.

अधिकारी जिस तरह से इस पूरे मामले पर काम कर रही हैं. उससे कहीं ना कहीं लग रहा कि पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं. फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में जांच दल किस तरह की जांच रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को देता है.जीपीआरएस तकनीक के तहत जिन जंगलों में पेड़ों की कटाई हुई थी वहां का मुआयना किया जा रहा है और उसी के आधार पर जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी.

इंदौर। ईटीवी भारत लगातार जंगल कटाई को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को अलर्ट करते आया है उसके बाद भी अधिकारियों ने किसी तरह की कोई सतर्कता नहीं अपनाई और एक बार फिर जंगल की कटाई के फुटेज कैमरे में कैद हो गए इसके बाद जब ईटीवी ने इस मुद्दे को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की तो कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ.लेकिन जब पूरे मामले को लेकर से खबर उठाई गई तो वन विभाग के आला अधिकारी सक्रिय हो गए और एक जांच दल गठित कर जंगलों में जांच के लिए भेज दिया.

ईटीवी ने उठाया जंगल की कटाई का मुद्दा

तकरीबन 15 सदस्यों के दल ने चोरल के जंगलों के नयापुरा , उमठ, राजपुरा के कक्ष 118 और 119 में दौरा किया. जांच दल को वन विभाग के अधिकारियों ने 2 दिन में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं. लेकिन जब वहां जांच दल पहुंचा तो जंगल की कटाई के सबूत ढूंढता रहा लेकिन वहां पर कुछ भी नहीं मिला.

अधिकारी जिस तरह से इस पूरे मामले पर काम कर रही हैं. उससे कहीं ना कहीं लग रहा कि पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं. फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में जांच दल किस तरह की जांच रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को देता है.जीपीआरएस तकनीक के तहत जिन जंगलों में पेड़ों की कटाई हुई थी वहां का मुआयना किया जा रहा है और उसी के आधार पर जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी.

Intro:एंकर - ईटीवी भारत ने जंगल कटाई को लेकर प्रमुखता से मुद्दा उठाया था आपको बता दें ईटीवी भारत ने शनिवार को चोरल के जंगलों में हो रहे सागौन के पेड़ों की कटाई के बारे में प्रमुखता से खबर उठाई थी जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए और उन्होंने एक जांच दल बनाकर वहां पर जांच के लिए पहुंचाया लेकिन जांच दल के अधिकारियों पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जिन जगहों पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची थी वहां पर जांच दल अभी तक नहीं पहुंच पाया है जिसके बाद अब प्रश्न निश्चित तौर पर खड़े हो रहे हैं कि वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं।


Body:वीओ - ईटीवी भारत लगातार जंगल कटाई को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को अलर्ट करते आया है इसके तहत भी पहले दी इंदौर के चोरल के जंगलों में सागौन के पेड़ों की कटाई का मुद्दा ईटीवी भारत ने जमकर उठाया था उस समय भी वन विभाग के अधिकारियों ने किसी तरह की कोई सतर्कता नहीं अपनाई और उसके बाद एक बार फिर जंगल कटाई के फुटेज ईटीवी भारत कि कैमरे में कैद हो गए इसके बाद जब ईटीवी भारत ने जंगल कटाई के मुद्दे को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की तो कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ लेकिन जब पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर उठाई तो वन विभाग के आला अधिकारी सक्रिय हुए और एक जांच दल गठित कर चोरल के जंगलों में जांच के लिए पहुंचा दिया तकरीबन 15 सदस्य इस दल ने चोरल के जंगलों के नयापुरा , उमठ, राजपुरा के कक्ष क्रमांक 118 और 119 में दौरा किया बता दे जांच दल को वन विभाग के अधिकारियों ने 2 दिन में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं लेकिन जहां शुक्रवार को जिस तरह से खबर उठाई थी उसके बाद शनिवार को जांच दल वहां पर पहुंचा और कक्ष क्रमांक 118 में जंगलों की कटाई से संबंधित सबूत ढूंढता रहा लेकिन वहां एक कटे पेड़ के अलावा कुछ नहीं मिला उसके बाद जब ईटीवी भारत ने पूरे मुद्दों को लेकर जांच दल के अधिकारियों से बात हुई और उन्हें जानकारी दी तो उसके बाद उनका कहना था कि जहां ईटीवी भारत की टीम पहुंची थी उन जंगलों में हम नहीं पहुंच पाए हैं वहां को सुबह जांच कर पूरी रिपोर्ट बनाएंगे लेकिन जिस तरह से जांच अधिकारी इस पूरे मामले पर ठंडे बस्ते में जांच कर रहे हैं उससे कहीं ना कहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में जांच दल किस तरह की जांच रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को देता है इसके साथ ही बता दे जंगल कटाई के मुद्दे को लेकर आला अधिकारी भी जांच दल के अधिकारियों पर नजर बनाए हुए हैं और ऐसा पहली बार हो रहा है कि जीपीआरएस तकनीक के तहत जिन जंगलों में पेड़ों की कटाई हुई थी वहां का मुआयना किया जा रहा है और उसी के आधार पर जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी फिलहाल अब देखना यही होगा कि पूरे मामले को प्रमुखता के साथ उजागर किया था उसके बाद उन दोषी अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है।

वन टू वन --- सन्दीप मिश्रा


Conclusion:वीओ - फिलहाल ईटीवी भारत के मुद्दा उठाने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों ने जांच के लिए जांच दल को वहां पर पहुंचा दिया है लेकिन इस ठंडे बस्ते से जांच दल वहां पर कार्रवाई कर रहा है उससे कहीं ना कहीं विभाग के अधिकारियों को बचाने का प्रयास भी किया जा रहा है फिलहाल अब देखना होगा कि आला अधिकारी इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई करते हैं।

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