इंदौर। गोवा में SCO शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन मीट में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को निमंत्रण देने से कई कांग्रेसी नेता नाराज हैं. लिहाजा इंदौर में उन्हें प्रवेश नहीं देने के पोस्टर लगाए गए हैं, जिसके बाद आज एसपीओ मीट के पहले बिलावल का पुतला जलाकर विरोध किया गया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले भुट्टो का भारतीय सरजमीं पर कभी सम्मान नहीं हो सकता, क्योंकि पाकिस्तान सरकार सैकड़ों भारतीय सैनिकों की हत्या की जिम्मेदार है. जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. आज इंदौर में कांग्रेस नेताओं ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का पुतला जलाकर भुट्टो के भारत में आने का विरोध किया है.
कांग्रेस ने जताया विरोध: इंदौर शहर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने बताया कि भारत के सबसे बड़े दुश्मन हजारों मां के लालों को शहीद करने वाले, हजारों बच्चों के सिर पर से पिता का साया छीन लेने वाले, आतंकी देश के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का दौरा एससीओ की मीटिंग में भारत में आने से देश के 140 करोड देशवासियों के मन में बड़ी पीड़ा है. खंडेलवाल ने कहा, हमारे सैनिक जो सीमा पर हमारे देश की रक्षा करते हैं. उनके सैनिक परिवार भी मन ही मन ऐसे दुश्मन देश के विदेश मंत्री के भारत आने से दुखी होंगे. एक तरफ तो केंद्र सरकार और मोदी सरकार दुश्मनों को लाल आंखें दिखाने और 56 इंच का सीना दिखाने की बात करती है. दूसरी ओर पाकिस्तान जैसे देश के विदेश मंत्री को भारत में आमंत्रित करती है.
बिलावल भुट्टो के जलाए गए पोस्टर: कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आज इसी के विरोध में बिलावल भुट्टो जरदारी के पुतला जलाया है. साथ ही केंद्र सरकार, भाजपा सरकार हाय हाय के नारे लगाए. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे. जहां बिलावल का पुतला जलाया गया तो वही जलाने के दौरान बिलावल के पोस्टर को जूतो और चप्पलो से भी पीटा गया. गौरतलब है इंदौर में पहले भी भुट्टो के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे.
|
क्यों आए बिलावल भुट्टो गोवा: बता दें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में चार और पांच मई को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को गोवा पहुंचें. बिलावल 2011 के बाद से भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री होंगे. वह बीजिंग स्थित एससीओ की विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.