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Covid-19: हिंसा-अभद्रता से नाराज डॉक्टरों का व्हाइट अलर्ट - Violent incident against doctors

डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हो रही हिंसा और अभद्रता से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन ने सभी राज्यों की शाखाओं और डॉक्टरों को ऐसी तमाम घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए व्हाइट अलर्ट जारी किया है.

doctors protest aganinst violence
हिंसा और अभद्रता से नाराज डॉक्टरों का व्हाइट अलर्ट
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Published : Apr 21, 2020, 6:53 PM IST

इंदौर। कोविड-19 को लेकर जंग लड़ रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हो रही हिंसा और अभद्रता से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन ने सभी राज्यों की शाखाओं और डॉक्टरों को ऐसी तमाम घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए व्हाइट अलर्ट जारी किया है.

एसोसिएशन ने सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और कोरोना वारियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा और अभद्रता के खिलाफ सभी एकजुट होकर 22 अप्रैल को रात में 9:00 बजे सभी अपने-अपने अस्पतालों में मोमबत्ती जलाकर हिंसक घटनाओं का विरोध करें.

आईएमए ने चेतावनी दी है कि भारत सरकार को ऐसी तमाम घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून बनाना चाहिए. ऐसा ना हो पाने की स्थिति में डॉक्टर फिर रेड अलर्ट जारी करने के लिए मजबूर रहेंगे.

गौरतलब है इंदौर के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए पहुंचे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ शहर के टाट पट्टी और बाखल इलाके और चंदन नगर में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. यही स्थिति मुंगेर, मुरादाबाद और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों की है. डॉक्टरों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी भी पर अनावश्यक दबाव डालकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.

इंदौर। कोविड-19 को लेकर जंग लड़ रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हो रही हिंसा और अभद्रता से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन ने सभी राज्यों की शाखाओं और डॉक्टरों को ऐसी तमाम घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए व्हाइट अलर्ट जारी किया है.

एसोसिएशन ने सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और कोरोना वारियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा और अभद्रता के खिलाफ सभी एकजुट होकर 22 अप्रैल को रात में 9:00 बजे सभी अपने-अपने अस्पतालों में मोमबत्ती जलाकर हिंसक घटनाओं का विरोध करें.

आईएमए ने चेतावनी दी है कि भारत सरकार को ऐसी तमाम घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून बनाना चाहिए. ऐसा ना हो पाने की स्थिति में डॉक्टर फिर रेड अलर्ट जारी करने के लिए मजबूर रहेंगे.

गौरतलब है इंदौर के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए पहुंचे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ शहर के टाट पट्टी और बाखल इलाके और चंदन नगर में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. यही स्थिति मुंगेर, मुरादाबाद और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों की है. डॉक्टरों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी भी पर अनावश्यक दबाव डालकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.

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