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दिग्विजय सिंह ने जानी किसानों के मन की बात,कहा- कृषि कानून में संशोधन करे सरकार - कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह

भारत बंद के दौरान कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह छावनी अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने कृषि कानून पर कई किसानों और मंडी में काम करने वाले मजदूरों से चर्चा की.

Digvijay Singh talk to farmers
दिग्विजय सिंह ने किसानों से की बात
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Published : Dec 8, 2020, 2:15 PM IST

इंदौर। देश भर में कृषि कानून को लेकर किसानों के साथ-साथ कांग्रेसियों का भी विरोध जारी है. इसी बीच शहर में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह छावनी अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने इस कानून के संबंध में किसानों के मन की बात जानी.

दिग्विजय सिंह ने किसानों से की बात
  • कृषि बिल से मंडी का कारोबार चौपट

आज भारत बंद के दौरान दिग्विजय सिंह छावनी अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने से पहले किसानों की राय जानने की कोशिश की. इस दौरान किसानों ने दिग्विजय सिंह के सामने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. किसानों ने कहा कि, कृषि बिल से न सिर्फ मंडियों का कारोबार चौपट हुआ, बल्कि मंडियों में काम करने वाले मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया है.

  • कृषि बिल बताया किसान विरोधी कानून, सौंपा ज्ञापन

किसानों का कहना है कि, अभी भी उनकी फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान परेशान हैं. इसलिए किसान विरोधी कानून तत्काल रद्द किया जाना चाहिए. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल की मौजूदगी में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

क्या बोले दिग्विजय सिंह ?

किसानों को संबोधित करते हुए कृषि उपज मंडी में दिग्विजय सिंह ने कहा कि, इस समय भारत में एक तरफ गरीब किसान और आम लोग हैं, तो दूसरी तरफ वह विचारधारा है, जो इनका शोषण करना चाहती है. नोटबंदी के बाद बिना किसी चर्चा के किसान विरोधी बिल लाया गया, पूराने मंडी कानून को खत्म कर प्रधानमंत्री मोदी अब मंडियों की पूरी व्यवस्था कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने जा रहे हैं. इस स्थिति में न तो किसानों को उनकी फसल का वार्षिक मूल्य मिल पाएगा, और न ही किसान, हम्माल और मंडियों से जुड़े उद्योग चल पाएंगे. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि, अभी भी वक्त है कि सरकार ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी बनाकर प्रस्तावित कृषि कानून में संशोधन करें, नहीं तो सरकार के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.

इंदौर। देश भर में कृषि कानून को लेकर किसानों के साथ-साथ कांग्रेसियों का भी विरोध जारी है. इसी बीच शहर में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह छावनी अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने इस कानून के संबंध में किसानों के मन की बात जानी.

दिग्विजय सिंह ने किसानों से की बात
  • कृषि बिल से मंडी का कारोबार चौपट

आज भारत बंद के दौरान दिग्विजय सिंह छावनी अनाज मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने से पहले किसानों की राय जानने की कोशिश की. इस दौरान किसानों ने दिग्विजय सिंह के सामने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. किसानों ने कहा कि, कृषि बिल से न सिर्फ मंडियों का कारोबार चौपट हुआ, बल्कि मंडियों में काम करने वाले मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया है.

  • कृषि बिल बताया किसान विरोधी कानून, सौंपा ज्ञापन

किसानों का कहना है कि, अभी भी उनकी फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान परेशान हैं. इसलिए किसान विरोधी कानून तत्काल रद्द किया जाना चाहिए. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल की मौजूदगी में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

क्या बोले दिग्विजय सिंह ?

किसानों को संबोधित करते हुए कृषि उपज मंडी में दिग्विजय सिंह ने कहा कि, इस समय भारत में एक तरफ गरीब किसान और आम लोग हैं, तो दूसरी तरफ वह विचारधारा है, जो इनका शोषण करना चाहती है. नोटबंदी के बाद बिना किसी चर्चा के किसान विरोधी बिल लाया गया, पूराने मंडी कानून को खत्म कर प्रधानमंत्री मोदी अब मंडियों की पूरी व्यवस्था कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने जा रहे हैं. इस स्थिति में न तो किसानों को उनकी फसल का वार्षिक मूल्य मिल पाएगा, और न ही किसान, हम्माल और मंडियों से जुड़े उद्योग चल पाएंगे. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि, अभी भी वक्त है कि सरकार ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी बनाकर प्रस्तावित कृषि कानून में संशोधन करें, नहीं तो सरकार के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.

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