इंदौर। शहर में नलकूप खनन अनुमति प्रकरण में शामिल आरोपी के तीन रिश्तेदार भी नगर निगम कर्मचारी होने के बाद निगमायुक्त ने कार्रवाई करते हुए रिश्तेदारों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. साथ ही उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
निगम अधिकारियों के मुताबिक मामले के मुख्य आरोपी अंकित तिवारी की पत्नी और आरोपी के भाई भी नगर निगम में मस्टर कर्मी के पद पर कार्यरत हैं. प्रथम दृष्टया इनके संलिप्तता होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, इसलिए स्थिति को ध्यान में रखते हुए तीनों मस्टर कर्मियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं. साथ ही अधिकारियों को यह भी पता चला था कि जल विभाग में कार्यरत मस्टर कर्मी अंकित तिवारी फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी सील लगाकर नलकूप खनन की अनुशंसा और अनुमोदन जारी करता था.
बता दें नगर निगम में तकनीकी शाखा के प्रभारी और उपयंत्री आरके दुबे के पास नलकूप खनन प्रकरण के प्रतिवेदन का कार्य था और उन्हीं के विभाग से फर्जी अनुमतियां जारी हुई हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने उपयंत्री को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही पिछले 1 साल में जितने भी नलकूप खनन के लिए पत्र जिला कार्यालय से प्राप्त हुए हैं उनकी जांच भी की जा रही हैं.
सामने आए इस प्रकरण में बीजेपी नेताओं के शामिल होने की बात भी सामने आई थी, वहीं अब नगर निगम ने जल विभाग में काम कर रहे कई कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी कराई है.