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इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के लिए कांग्रेस ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है. जिसके लिए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है.

इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की मांग
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Published : Oct 9, 2019, 7:33 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 9:05 PM IST

इंदौर। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले भोपाल को दो हिस्सों में बांटे जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है. जहां एक तरफ कांग्रेस भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी दो नगर निगम सहित दो महापौर की मांग को लेकर सीएम कमलनाथ से मांग कर रहे हैं. वहीं नगर निगम को बांटने की मांग पर बीजेपी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की मांग

भोपाल को पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित किया है. जिसके चलते अब भोपाल के पूर्वी क्षेत्र में 31 तो वहीं पश्चिम क्षेत्र में 54 नगर निगम के वार्ड होंगे. वहीं इंदौर की बात करें तो 2 तिहाई से अधिक सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इंदौर में महापौर पद पर भी बीजेपी का कब्जा लंबे समय से बना हुआ है. ऐसे में भोपाल में किए गए विभाजन के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस के सचिव राकेश सिंह यादव ने एक पत्र लिखकर सीएम कमलनाथ से इंदौर को भी दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग की है. ताकि लगातार बढ़ते और विकसित होते इंदौर के रहवासियों को अपनी आवश्यकताओं और कार्यों के लिए कई किलोमीटर दूर निगम मुख्यालय के चक्कर ना काटना पड़े.

कांग्रेस द्वारा इंदौर नगर निगम के सीमा क्षेत्र को दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग को लेकर इंदौर की महापौर ने विरोध जताया है. इस विभाजन को लेकर महापौर मालिनी गौड़ का कहना है कि इंदौर की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शहर को दो हिस्सों में बांटने की कोई आवश्यकता नहीं है और जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में पिछले तीन बार से नंबर बनाया है. उससे इंदौर नगर निगम की प्रभावी कार्यप्रणाली और कार्यशैली नजर आती है. इसलिए फिलहाल शहर को विभाजित करने की कोई जरूरत महसूस नहीं होती है.

इंदौर। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले भोपाल को दो हिस्सों में बांटे जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है. जहां एक तरफ कांग्रेस भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी दो नगर निगम सहित दो महापौर की मांग को लेकर सीएम कमलनाथ से मांग कर रहे हैं. वहीं नगर निगम को बांटने की मांग पर बीजेपी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की मांग

भोपाल को पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित किया है. जिसके चलते अब भोपाल के पूर्वी क्षेत्र में 31 तो वहीं पश्चिम क्षेत्र में 54 नगर निगम के वार्ड होंगे. वहीं इंदौर की बात करें तो 2 तिहाई से अधिक सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इंदौर में महापौर पद पर भी बीजेपी का कब्जा लंबे समय से बना हुआ है. ऐसे में भोपाल में किए गए विभाजन के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस के सचिव राकेश सिंह यादव ने एक पत्र लिखकर सीएम कमलनाथ से इंदौर को भी दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग की है. ताकि लगातार बढ़ते और विकसित होते इंदौर के रहवासियों को अपनी आवश्यकताओं और कार्यों के लिए कई किलोमीटर दूर निगम मुख्यालय के चक्कर ना काटना पड़े.

कांग्रेस द्वारा इंदौर नगर निगम के सीमा क्षेत्र को दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग को लेकर इंदौर की महापौर ने विरोध जताया है. इस विभाजन को लेकर महापौर मालिनी गौड़ का कहना है कि इंदौर की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शहर को दो हिस्सों में बांटने की कोई आवश्यकता नहीं है और जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में पिछले तीन बार से नंबर बनाया है. उससे इंदौर नगर निगम की प्रभावी कार्यप्रणाली और कार्यशैली नजर आती है. इसलिए फिलहाल शहर को विभाजित करने की कोई जरूरत महसूस नहीं होती है.

Intro:प्रदेश में नगर निगम और नगरीय निकाय चुनाव के पहले भोपाल को दो हिस्सों में बाटे नहीं कि जारी हुई अधिसूचना के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है जहां एक तरफ कांग्रेस भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी दो नगर निगम सहित दो महापौर की मांग को लेकर सीएम कमलनाथ से पत्राचार कर रही है तो वहीं इंदौर के नगर निगम क्षेत्र में विभाजन को लेकर भाजपा नेताओं ने अपनी आपत्ति अभी से दर्ज कराना शुरू कर दिया है


Body:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को जनसंख्या और वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया है जिसके तहत भोपाल को पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित किया है जिसके चलते अब भोपाल के पूर्वी क्षेत्र में 31 तो वहीं पश्चिम क्षेत्र में 54 नगर निगम के वार्ड होंगे इन वार्डो की कुल संख्या को देखा जाए तो यह आंकड़ा 85 वर्षों तक पहुंचता है जो वर्तमान में इंदौर के वार्डों की संख्या के जितना ही है इंदौर में भी पिछले नगर निगम चुनाव में हुए वार्ड परिसीमन के बाद वार्डो की संख्या 85 हो चुकी है जिसमें फिलहाल 2 तिहाई से अधिक सीटों पर भाजपा का कब्जा है इंदौर में महापौर पद पर भी भाजपा का ही कब्जा लंबे समय से बना हुआ है ऐसे मैं भोपाल में किए गए विभाजन के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस के सचिव राकेश सिंह यादव ने एक पत्र लिखकर सीएम कमलनाथ से इंदौर को भी दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग की है ताकि लगातार बढ़ते और विकसित होते इंदौर के रहवासियों को अपनी आवश्यकताओं और कार्यों के लिए कई किलोमीटर दूर निगम मुख्यालय के चक्कर ना काटना पड़े वहीं कांग्रेस के प्रदेश सचिव के द्वारा सीएम कमलनाथ से की गई मांग का समर्थन इंदौर की नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख के द्वारा भी किया गया है फौजिया शेख अलीम के साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने भी इस बात का समर्थन किया है एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष ने मौजूदा महापौर और उनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं तो वही मंत्री सिलावट ने कहा है कि शासन की मंशा को इंदौर को विभाजित करने की नहीं बल्कि विकासशील और विकसित बनाने की है इसलिए अगर इंदौर में दो महापौर होते हैं तो वह एक और एक ग्यारह बनकर इंदौर को विकसित करेंगे

कांग्रेस द्वारा इंदौर नगर निगम के सीमा क्षेत्र को दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग को लेकर इंदौर की महापौर ने विरोध जताया है इस विभाजन को लेकर महापौर मालिनी गौड़ का कहना है कि इंदौर की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शहर को दो हिस्सों में बांटने की कोई आवश्यकता नहीं है और जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में पिछले तीन बार से नंबर बनाया है उससे इंदौर नगर निगम की प्रभावी कार्यप्रणाली और कार्यशैली नजर आती है इसलिए फिलहाल शहर को विभाजित करने की कोई जरूरत महसूस नहीं होती है

बाईट - राकेश सिंह यादव, कांग्रेस प्रदेश सचिव
बाईट - फौजिया शेख अलीम, नेता प्रतिपक्ष, इंदौर नगर निगम
बाईट - तुलसी सिलावट, स्वास्थ मंत्री
बाईट - मालिनी गौड़, महापौर, इंदौर


Conclusion:कांग्रेस के द्वारा उठाई गई मांग के बाद नगरीय निकाय चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने हैं कांग्रेस के द्वारा बड़े शहरों को दो हिस्सों में बांटने पर एक और जहां बीजेपी को महापौर सीट जाती दिखाई दे रही है तो वहीं कांग्रेस भी इस बार नगरीय निकाय चुनाव में सीधा मुकाबला करना चाहती है
Last Updated : Oct 9, 2019, 9:05 PM IST
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